भरतपुर के नदबई में शनिवार को सीआरपीएफ जवान की पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार को महिला के देवर को गिरफ्तार कर लिया। एक साल पहले जवान पुष्पेंद्र की मौत हो गई थी। उन्होंने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी अपने बेटे के साथ अलग रह रही थी। दूसरी पत्नी परिवार के साथ रहती थी। परिजन चाहते थे कि जवान की मौत के बाद दूसरी पत्नी को लाभ मिले। इसलिए देवर ने जवान की पहली पत्नी की हत्या की साजिश रची।
पुलिस ने बताया कि पूरा विवाद मृतक सुधा चौधरी के पति पुष्पेंद्र की मौत के बाद मिलने वाले लाभ को लेकर था। देवर ने अपनी दूसरी भाभी को फायदा पहुंचाने के लिए सुधा को गोली मारने के लिए गुंडों को हायर किया था। सीओ नीतिराज सिंह ने बताया कि सुधा चौधरी (36) का अपने ससुराल वालों से विवाद चल रहा था। सुधा चौधरी और उनके पति पुष्पेंद्र के बीच पिछले 15 साल से अनबन चल रही थी। इसी विवाद के दौरान पुष्पेंद्र ने यूपी के मथुरा जिले के बैरू के नगला सांख निवासी सुशीला से शादी कर ली थी।
सुधा का एक बेटा अनुराग सागवान (17) है और दूसरी पत्नी सुशीला का भी एक बेटा लव्यांश है। 27 जुलाई 2022 को सुधा के पति पुष्पेंद्र की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पुष्पेंद्र सीआरपीएफ में नौकरी करते थे। जिनकी मृत्यु के बाद लाभ पाने के लिए सुशीला ने अपने आधार कार्ड में संशोधन कराया था।
जिसके खिलाफ सुधा ने नदबई थाने में मामला दर्ज कराया। नदबई के बुढवारी खुर्द निवासी देवर मनोज (27) पुत्र हिम्मत सिंह ने सुशीला और उसके बेटे लव्यांश को फायदा पहुंचाने के लिए अपनी पहली भाभी सुधा की हत्या की सुपारी दो बदमाशों को दी। सुधा चौधरी 15 साल से अपने ससुराल बुढ़वारी खुर्द से 8 किमी दूर नदबई कस्बे में रहती थीं। पुलिस का कहना है कि घटना को अंजाम देने वाले दोनों बाइक सवारों की तलाश की जा रही है।