CHEETAH
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सीआरपीएफ की 92 वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन कुमार चीता (45) को मंगलवार की सुबह कश्मीर पुलिस ने जानकारी दी कि बांदीपोर जिले के हाजिन गांव में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने डेरा डाल रखा है। चीता मौका गवाए बिना 13 राष्ट्रीय रायफल और जम्मू कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के साथ गांव में पहुंच गए और पारे मुहल्ले में छिपे आतंकियों को घेर लिया। जिस पर आतकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। चीता आतंकियों को चकमा देते हुए उनके बेहद करीब जा पहुंचे, लेकिन बाकी साथी पीछे छूट गए।

आतंकवादी को मार कर ही माने 

सीआरपीएफ के महानिदेशक के. दुर्गाप्रसाद ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि आतंकियों ने चीता को निशाना बनाकर गोलियां और ग्रेनेड दागे। जिससे उनके हाथ, पैर, कूल्हे और पेट में कई गोलियां जा धसीं। एक गोली से जाबांज जवान की दाई आंख भी छलनी हो गई। इसी बीच आतंकियों के फेंके एक ग्रेनेड में धमाका होने से चीता के दोनों हाथों में भी फैक्चर हो गया और सिर एवं चेहरे में छर्रे जा धंसे। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद इस बहादुर अफसर ने लश्कर-ए-तैयबा के दुर्दांत कमांडर अबू हारिश को मार गिराया। घायल होने के बाद भी उन्होंने 16 राउंड गोलियां चलाई थीं।

मुठभेड़ में घायल होने के बाद उन्हें पहले वहीं भर्ती कराया गया था। राजस्थान के रहने वाले चीता हज्जन इलाके में दो विदेशी आतंकियों की छिपे होने की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे जहां सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के संयुक्त दल ने घेराबंदी कर रखी थी। उन्होंने बताया कि बल की 45वीं बटालियन का नेतृत्व करने वाले चीता को कई जगह गोली लगी थी।