जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। शुक्रवार को 55 नए पॉजिटिव केस सामने आए। राज्य में अब तक 4589 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। कोरोना प्रदेश में अब तक 125 लोगों की जान ले चुका है। राजधानी जयपुर और जोधपुर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1-1 हजार से ज्यादा को पार कर चुकी है। इनमें कोटा में 29, जयपुर में 11, उदयपुर में 9, झुंझुनू, करौली, दौसा, डूंगरपुर, बारां, भरतपुर में 1-1 संक्रमित मिला। इससे पहले गुरुवार को 206 नए मामले सामने आए। इनमें उदयपुर में 59, जोधपुर में 36, जालौर में 22, जयपुर में 20, नागौर में 17, सिरोही और बाड़मेर में 8-8, सीकर और अजमेर में 7-7, पाली और झुंझुनू में 5-5, राजसमंद और चूरू में 4-4, करौली, डूंगरपुर, अलवर और कोटा में 1-1 संक्रमित मिला।
अब तक 125 लोगों की मौत
राजस्थान में कोरोना से अब तक 125 लोगों की मौत हुई है। इनमें जयपुर में 67 (जिसमें चार यूपी से), जोधपुर में 17, कोटा में 10, अजमेर में 5, पाली और नागौर में 3-3, करौली, अलवर, बीकानेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, सीकर और भरतपुर 2-2, जालौर, बांसवाड़ा, चूरू, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर और टोंक में 1-1 की मौत हो चुकी है।
डॉक्टर को दिखाने के लिए सिर्फ मरीज की एंट्री
एसएमएस अस्पताल को एक जून से कोरोना फ्री करने की तैयारियों के बीच ओपीडी सिस्टम को भी बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है। अब पहले की तरह भीड़ वाली ओपीडी नहीं होगी। डॉक्टर्स के चैंबर में एक से अधिक मरीज की एंट्री नहीं होगी और मुख्य गेट पर एक मरीज से दूसरे मरीज के बीच निर्धारित दूरियां रखी जाएंगी। इसके लिए अस्पताल अधीक्षक ने सभी विभागाध्यक्षों से सुझाव मांगे हैं और उनसे दो बार मैराथन मीटिंग भी की गई है। साथ ही मई माह के अंतिम सप्ताह तक आए सभी विचारों पर राय कर अंतिम निर्णय लिए जाएंगे।
लो फ्लोर में 50 प्रतिशत यात्री ही बैठेंगे
जेसीटीएसएल ने लो फ्लोर बसों के संचालन के लिए गाइडलाइन तैयार कर ली है। हालांकि अभी प्रशासन को अब सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। वहीं ड्राइवर-कंडक्टरों को भी कोरोना से सुरक्षित रहने और यात्रियों को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। यात्री को मास्क लगाना आवश्यक होगा और बसों में सीटों के 50 प्रतिशत यात्री ही बैठ सकेंगे। परिवहन विभाग ने ऑटो-रिक्शा, मिनी-प्राइवेट बसें, कार-टैक्सी की पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर अभी तक गाइडलाइन नहीं बनाई है। जेसीटीएसएल की ओर से बनाई गई गाइडलाइन में बस में थर्मल स्केनिंग के बाद ही यात्री बैठ सकेंगे। एक चक्कर के बाद बस को और तीन घंटे में बस स्टॉप सैनिटाइज किया जाएगा।