जयपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों का जीवन बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। जिला मजिस्ट्रेट एवं उपखण्ड अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कोविड-19 (कोरोना वायरस) के संक्रमण से बचाव के उपायों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि प्रदेश के नागरिक इस महामारी के संक्रमण से बचे रहें। उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद सहित अन्य धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को एकत्र नहीं होने की सलाह दी जाए।
इटली से लौटे झुंझुनूं के दंपती और बच्ची पॉजिटिव
जानकारी के अनुसार झुंझुनू के तीन लोग जो पॉजिटिव पाए गए हैं वे एक ही परिवार के हैं। ये लोग 8 मार्च को ही इटली से लौटा है। इनमें कोरोना के लक्षण मिलने के बाद जांच के लिए सैंपल मंगलवार को जयपुर भेजे गए थे, जो गुरुवार को पॉजिटिव पाए गए। वहीं इस परिवार के घर की एक किलोमीटर की परिधि में कर्फ्यू लगा दिया गया है। लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की गई है। वहीं पीड़ित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की भी स्क्रीनिंग की जा रही है।
राजस्थान विवि की यूजी और पीजी की परीक्षाएं 31 तक स्थगित
कोरोना वायरस के कारण राजस्थान विवि ने भी गुरुवार को यूजी और पीजी की अपनी सभी परीक्षाएं 31 मार्च तक स्थगित कर दीं है। गुरुवार को सुबह 7 से 10 बजे के सेशन में परीक्षा हुई। इसके बाद की सभी आज होने वाली परीक्षाएं तुरंत प्रभाव से स्थगित कर दी गईं। अब इन परीक्षाओं पर 31 मार्च के बाद सरकार से चर्चा के बाद निर्णय किया जाएगा। राजस्थान विश्वविद्यालय कुलपति आरके कोठारी ने गुरुवार को आदेश जारी कर कहा कि सरकार ने यूजी और पीजी की सभी परीक्षाएं स्थगित करने के आदेश दिए हैं। इन परीक्षाओं में पांच लाख स्टूडेंट्स अपीयर हो रहे थे। अब इन्हें 31 मार्च तक इंतजार करना पड़ेगा। आपको बता दें कि सीबीएसई, जेईई मेन्स तथा कई यूनिवर्सिटीज की परीक्षाएं पहले ही स्थगित की जा चुकी हैं।
श्रीनाथजी के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंद्ध
प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल राजसमन्द जिले के नाथद्वारा के भगवान श्रीनाथजी के मंदिर में कोरोना वायरस के चलते भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंद्ध लगा दिया गया है। श्रीनाथजी का यह मंदिर पुष्टिमार्गीय मत की प्रधान पीठ भी हैं। यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रृद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में श्रृद्धालुओं के लिए आठ दर्शन होते हैं पहली बार यहां 8 में से 4 दर्शनों में भक्तों का प्रवेश रोका गया है।