जयपुर। महामारी कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में कड़ाई से कोविड गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। लेकिन चूरू जिले के तारानगर कस्बे में एक पुलिसकर्मी को यह करवाना महंगा साबित हुआ। पुलिसकर्मी ने गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले नगरपालिका अध्यक्ष के पति का चालान काट दिया था। इसके बदले में उन्‍हें इसकी सजा लाइन हाजिर होने के रूप में मिली। खाकी और खादी में हुए इस विवाद का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। पुलिसकर्मी का कहना है कि उन्‍हें राजनीतिक दबाव में लाइन हाजिर किया गया है। अगर वो दोषी हैं तो सजा भुगतने का तैयार हैं।

एक बाइक पर तीन लोग थे सवार
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना दो दिन पहले यानी 23 मई की है। तारानगर थाने में कार्यरत हेड कांस्टेबल विजेन्द्र सिंह एसपी के निर्देश पर कोरोना एडवाइजरी का पालन करवाने के लिए कस्बे में गश्त कर रहे थे। उसके बाद गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ थाने के सामने एमवी एक्ट की कार्रवाई कर रहे थे। इसी दौरान एक मोटरसाइकिल आई। उस पर 3 व्यक्ति सवार थे। इन तीन लोगों में तारानगर नगरपालिका अध्यक्ष के पति उस्मान भी सवार थे। जैसे ही बाइक को रोका गया तो उनमें से एक ने देख लेने की धमकी दी।

ना हेलमेल ना ही सोशल डिस्टेसिंग
हेड कान्स्टेबल विजेन्द्र सिंह का कहना है कि उसका कसूर केवल इतना था कि उसने एक बाइक पर सवार होकर जा रहे तीन जनों को रोका। हेलमेट नहीं होने और सोशल डिस्टेसिंग का पालन न करने पर चालान काट दिया था। पालिकाध्यक्ष के पति ने चालान पर साइन नहीं किये तो बाइक को सीज कर दिया। उसके बाद उन्‍हें धमकियां मिलीं और फिर राजनीतिक दवाब के चलते लाइन हाजिर कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान का पूरा वीडियो भी बनाया गया हैं उसमें नेताजी के व्यवहार को साफ तौर पर देखा जा सकता हैं।