भरतपुर, 15 सितंबर। केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के उप वन संरक्षक मानस सिंह ने कहा कि विश्व मानचित्र पर पक्षियों के स्वर्ग के नाम से अपनी अनूठी पहचान स्थापित किए हुए केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के संरक्षण और संवर्धन में यहाँ के कार्मिक फिर वो चाहे उद्यान का स्टाफ हो या फिर नेचर गाइड और रिक्शा चालक सभी का महत्वपूर्ण योगदान है। इसी को मध्यनजर रखते हुए उद्यान में समस्त स्टाफ, नेचर गाइड एवं रिक्शा चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया है।
उप वन संरक्षक ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में डॉ. अब्बास जैदी द्वारा बीपी, थाइराइड, शुगर जैसी बीमारियों की जांच कर उपचार के साथ इनके निवारण के उपाय भी बताए गए साथ ही आम तौर पर होने वाली मौसमी बीमारियों से कैसे बचा जाये एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे विकसित किया जाये इस पर भी विस्तार से चर्चा की गयी।
उन्होंने बताया कि देश विदेशों से हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष सैलानी उद्यान भ्रमण पर आते है। जिनके भ्रमण में नेचर गाइड एवं रिक्शा चालक की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। इन्ही के सतत प्रयासों की वजह से वो यहाँ पक्षियों की जानकारी के साथ अठखेलियां को अपने बेहतरीन यादों में समेट कर यहाँ से जाते है।
उन्होंने कहा कि उद्यान प्रशासन के लिए यहाँ से जुड़े हुए समस्त कार्मिक बेहद महत्पूर्ण है, इसी क्रम में उनके हितों को सर्वाेपरि रख कर कार्य किया जा रहा है ताकि उन्हें उद्यान के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति संकल्पित होकर कार्य करने का एक बेहतर माहौल मिल सके. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह सामयिक स्वास्थ्य परीक्षण आयोजित करवाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
इस दौरान शिविर के प्रभारी एवं रेंज अधिकारी जतन सिंह, नरेश सहित उद्यान के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
संवाददाता- आशीष वर्मा