जयपुर। राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर रूट फाइनल हो गया है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों की खींचतान, बेरोजगारों के आंदोलन, ओबीसी आरक्षण के मसले पर पार्टी नेताओं की चेतावनी और गुर्जर समाज के यात्रा का विरोध करने की धमकी के बीच राहुल झालावाड़ से 3 दिसंबर को राजस्थान में एंट्री लेंगे। प्रदेश के चार विभागों के संविदाकर्मी कल यानी गुरुवार को नियमित करने की मांग को लेकर विद्याधर नगर स्टेडियम में जुटेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। ऐसे में राजस्थान में सरकार होते हुए भी राहुल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
विद्याधन नगर स्टेडियम में जुटेंगे आंदोलनकारी
प्रदेश के संविदाकर्मियों ने सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। संविदाकर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जगह-जगह मुलाकात करेंगे और सरकार की कार्यशैली से अवगत कराएंगे। प्रदेश के चार विभागों के संविदाकर्मी गुरुवार को नियमित करने की मांग को लेकर विद्याधर नगर स्टेडियम में जुटेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
संविदाकर्मियों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
इस रैली में अल्प संख्यक विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संविदाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूप से शामिल होंगे। संविदाकर्मियों का कहना है कि सरकार ने संविदाकर्मियों के साथ वादाखिलाफी की है। कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनाव लड़ रही थी तो उस दौरान पार्टी ने घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन, चार वर्ष का कार्यकाल गुजरने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया है।
चार विभागों में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी
गौरतलब है कि राजस्थान में इन चार विभागों के 1 लाख 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। सरकार की ओर से हाल ही में राजस्थान कॉन्ट्रैक्चूअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के माध्यम से पुन: संविदाकर्मियों की पिछली नौकरी को शून्य मानते हुए अन्य परिलाभों में कटौती कर एक बार फिर संविदा पर ही रखने का निर्णय किया है, जिससे सभी संविदाकर्मियों में भारी रोष है।
मंत्री कल्ला की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी
संविदाकर्मियों के अनुसार, कि कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया था। लेकिन, अभी तक उस कमेटी की रिपोर्ट लंबित है। ऐसे में कमेटी की रिपोर्ट के बिना ही संविदा कर्मचारियों के सर्विस रूल्स बनाए गए। जिसमें विगत 15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का कोई भी लाभ नहीं दिया जा रहा है।
बीजेपी की जन आक्रोश रैली
दूसरी चुनौती कांग्रेस के लिए दिसंबर में होने वाली बीजेपी की जन आक्रोश रैली बनी हुई है जहां बीजेपी बड़े स्तर पर राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा और गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर जनता के बीच जा रही है। बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता हर एक विधानसभा में रथ यात्रा के जरिए जनता के बीच जाएंगे। इस दौरान राज्य में कांग्रेस सरकार की नाकामियों और मोदी सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में जनता को जानकारी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आमना-सामना भी हो सकता है।