जयपुर। मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद अब कांग्रेस के 2 विधायक कम हो गए है। इससे पहले सहाड़ा विधायक कैलाश त्रिवेदी का कोरोना के कारण निधन हो चुका है। इन दोनों नेताओं के निधन के बाद विधानसभा की 2 सीटें खाली हो गई हैं। मास्टर भंवरलाल के निधन से सुजानगढ़ और कैलाश त्रिवेदी के निधन से खाली हुई सहाड़ा सीट पर अब उपचुनाव होंगे। कानूनन विधानसभा सीट खाली होने पर 6 माह के भीतर उस पर उपचुनाव करवाने का प्रावधान है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर अब मार्च या अप्रैल में उपचुनाव होने की संभावना है। इन दोनों सीटों पर उपचुनाव कांग्रेस के लिए चुनौती होंगे। पहली चुनौती इन दोनों ही सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश करना होगा। दोनों सीटों पर कांग्रेस सहानुभूति फैक्टर को ध्यान में रखकर दोनों दिवंगत नेताओं के परिवारों से ही टिकट दे सकती है। सुजानगढ़ से मास्टर भंवरलाल की पत्नी केसर देवी को टिकट दिया जा सकता है। केसर देवी पंचायत समिति सदस्य के पद पर निर्विरोध चुनी जा चुकी हैं।

कांग्रेस के लिये बहुत जरूरी होगा जीतना
कांग्रेस के लिये दोनों सीटों पर जीतना बहुत जरूरी होगा। क्योंकि इन दोनों उपचुनाव के नतीजे प्रदेश सरकार के सवा 2 साल के काम पर जनता की मुहर के तौर देखे जाएंगे। अगर कांग्रेस जीतने में कामयाब रही तो इसे सरकार और संगठन की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जाएगा। लेकिन अगर उपचुनाव में कांग्रेस हारती है तो विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ जनता के जनादेश के रूप में प्रचारित करेगा। पीसीसी चीफ का पद संभालने के बाद गोविंदसिंह डोटासरा का यह पहला विधानसभा उपचुनाव होगा।

अधिवक्ताओं ने कांग्रेस को याद दिलाया चुनावी वादा
मुख्य सूचना आयुक्त सहित अन्य आयोगों और बोर्डों में रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को नियुक्तियां देने का वकीलों ने विरोध शुरू कर दिया है। बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने सूचना आयोग सहित विभिन्न आयोगों और मंचों में वकीलों को नियुक्तियां देने की मांग उठाई है। बार काउंसिल ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन, सीएम अशोक गहलोत, महासचिव केसी वेणुगोपाल और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ज्ञापन भेजकर इनमें रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को नियुक्ति देने पर आपत्ति जताई है।

बोर्डों और मंचों में मांगी भागीदारी
कांग्रेस के घोषणा-पत्र में विभिन्न बोर्ड और मंचों में अधिवक्ताओं की भागीदारी देने का वादा किया गया था। लिहाजा बार काउंसिल के अध्यक्ष सैयद शाहीद हुसैन और कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने कहा कि आयोगों को रिटायर्ड ब्यूरोक्रेटस का स्वर्ग बनाना गलत है। कांग्रेस के घोषणा-पत्र में आयोगों और मंचों में वकीलों को नियुक्तियां देने का वादा किया गया था। अभी तक एक भी आयोग और बोर्ड में वकील की नियुक्ति नहीं की गई है। घोषणा-पत्र में किए गए वादे को पूरा किया जाना चाहिए।