जयपुर। राजस्थान में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी और सत्तापक्ष कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनाव की रणनीति में जुट गए हैं। जैसे-जैसे चुनाव के पास आ रहे हैं, वैसे वैसे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ता नई नई रणनीति बना रहे है। बीते 4 साल प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने कामकाज से कम और बयानबाजी से ज्यादा सुर्खियां बटोरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच रिश्ता में दरार पहले दिन से देखी जा रही है। चुनाव तैयारी के उनके बयान सामने आना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए चिंता का विषय है। सचिन को एक साल का मुख्यमंत्री बनाए जाने खबर सामने आने के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया। हालांकि बाद में इसका खंडन कर दिया गया।

सचिन पायलट के एक साल के लिए बनेंगे सीएम
कल सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मीडिया रिपोर्ट सामने आई। इसमें कहा गया कि सचिन पायलट को एक साल के लिए मुख्यमंत्री बनाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो जाएगी पार्टी सत्ता लौट सके। सूत्रों के हवाले से कहा गया कि सचिन पायलट ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद यह तय किया गया है। क्योंकि राजस्थान में पंजाब के जैसे हालत हो सकते है। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि यह केवल अफवाह है।

दिसंबर 2023 में होंगे चुनाव
आपको बता दें कि राजस्थान में दिसंबर 2023 में चुनाव होने हैं। दो साल पहले, पायलट ने जब सीएम के पद के लिए अपनी दावेदारी की थी तो उन्‍हें 18 विधायकों का साथ मिला था। वहीं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत को अपने विधायकों को लेकर रिसॉर्ट में रहना पड़ा था। हालांकि यह भी कहा गया है कि राजस्‍‍‍‍थान के उदयपुर में 13-15 मई को ‘चिंतन शिविर’ या आत्मनिरीक्षण बैठक के बाद तक इस निर्णय को टाल दिया है। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत हर साबित कर चुके हैं कि वे सत्‍ता में बने रहने के लिए सब कर सकते हैं।