सर्वविदित है कि राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए राजनीतिक दल एक-दूसरे के मुद्दे हथियाने में गुरेज नहीं करते हैं। मंदिर, राष्ट्रवाद और गोरक्षा जैसे हिन्दुत्व के मुद्दे बीजेपी के माने जाते हैं, लेकिन अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इन मुद्दों को हथियाने की होड़ में है।
भाजपा को घेरने के लिए गहलोत सरकार जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में राज्य स्तरीय गोरक्षा सम्मेलन का आयोजन कर मास्टर स्ट्रोक देने की तैयारी में है। सम्मेलन की खास बात है कि इसे पहली बार सरकारी स्तर पर बड़े आयोजित किया गया, जिसकी तैयारियां गोपालन विभाग बीते कई दिनों से कर रहा है। उल्लेखनीय है कि वसुंधरा सरकार ने देश में पहली बार गोपालन विभाग की स्थापना कर गोपालन मंत्री की नियुक्ति की थी। वहीं अब कांग्रेस सरकार में गोपालन मंत्री प्रमोद जैन ‘भाया’ ने इस विशाल गोरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें सीएम गहलोत ने शिरकत की। सम्मेलन में गहलोत ने गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने, गो उत्पादों का मूल्य संवर्धन बढ़ाने तथा गोचर भूमि के संरक्षण जैसी कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाने की बात कही।
प्रदेशभर में 2673 रजिस्टर्ड गोशालाएं है, जिनके 2-2 प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हुए। गोशालाओं के प्रतिनिधियों ने गायों के सरंक्षण और संवर्धन से जुड़े सुझाव सरकार को दिए। इससे पहले गहलोत सरकार ने गो संरक्षण के लिए अनुदान की राशि में बढ़ोतरी का भी निर्णय लिया था। देश के सबसे बड़े दल भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस ने भी उन्हीं की राह पकड़ रखी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा को मात देने के लिए सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पर चलते हुए दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का गोरक्षा सम्मेलन भाजपा को कड़ी चुनौती देने वाला है।