राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा में लगने वाली रिफाइनरी के शिलान्यास में अब ज्यादा दिन नहीं रह गए हैं। रिफायनरी का शिलान्यास 16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करने वाले हैं। रिफायनरी के नाम पर पीएम मोदी के शिलान्यास से पहले कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासत तेज हो गई है। जहां कांग्रेस यह कहती दिख रही है कि रिफायनरी का शिलान्यास पहले ही सोनिया गांधी कर चुकी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस ने सिर्फ कागजों में रिफाइनरी का सपना दिखाकर प्रदेश के लोगों को मूर्ख बनाया है, जबकि ज़मीनी हकीकत तो यह है कि रिफाइनरी सोच ही बीजेपी की थी।
बीजेपी ने 2005 में ही सोच ली थी रिफाइनरी की: जिला प्रभारी
भारतीय जनता पार्टी बाड़मेर के जिला प्रभारी महेन्द्र सिंह राठौड़ ने मंगलवार को रिफाइनरी मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर प्रदेश के लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हमने तो 2005 में ही यहां रिफाइनरी सोच ली थी लेकिन बाद में कांग्रेस सत्ता में आई और इस वजह से इसमें देरी हुई। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश और बाड़मेर के लोगों को कागजों में ही गुमराह किया।
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कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए किया शिलान्यास:
भाजपा बाड़मेर जिला प्रभारी राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते सभी मापदंडों को दरकिनार कर बाड़मेर की जनता को गुमराह करते हुए आचार संहिता लागू होने से ठीक 12 दिन पहले रिफायनरी का शिलान्यास कर दिया। भाजपा जिला प्रभारी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि रिफायनरी भाजपा की ही देन है। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2005 में प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रिफाइनरी को लेकर शुरुआती प्रयास किए थे। राठौड़ ने कहा उसी के परिणाम स्वरूप स्वीकृति भी मिली, लेकिन प्रदेश में उस वक्त सत्ता में रही कांग्रेस सरकार ने साढ़े चार साल तक प्रोजेक्ट को लटकाए रखा था और आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जनता को गुमराह करने के लिए शिलान्यास करवा दिया था।