कांग्रेस गत वर्ष हुए विधानसभा चुनावों से पहले तक सॉफ्ट हिन्दूत्व से बचती रही है। लेकिन गुजरात चुनाव से कांग्रेस ने बीजेपी के एजेंडों को अपनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस राष्ट्रीय राहुल गांधी का टेम्पल रन गुजरात विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ, जो अभी तक रूका नहीं है। कांग्रेस इससे पहले तक बीजेपी के एजेंडों को लेकर हमेशा से ही निशाना साधती रही है। अब राजनीतिक स्वार्थ के खातिर कांग्रेस ने सॉफ्ट हिन्दूत्व के रास्ते पर चलना शुरू कर दिया है। राष्ट्रवाद और गौ भक्ति जैसे एजेंडों को भी कांग्रेस अब अपनाने से नहीं चुक रही है। देश के लगभग सभी राज्यों से सत्ताहीन होती कांग्रेस को ये बात देर से ही सही, मगर समझ आ गयी कि देश में इन मुद्दों से पार्टी दूर रही तो वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस सिर्फ इतिहास का ही एक हिस्सा बनकर रह जाए। देश की करीब 80 प्रतिशत आबादी हिंदू धर्म से आती है। ऐसे में कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दूत्व का खेल खेलकर सत्ता में वापसी और अपनी कमजोर होती जड़ों को मजबूत करना चाहती है।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मुद्दों को हथियाने की होड़
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दूत्व समेत बीजेपी के लगभग सभी मुद्दों को हथियाने की होड़ में नज़र आ रही है। यह अब देश-प्रदेश की राजनीति में साफ तौर दिखने लगा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, राष्ट्रवाद और गौरक्षा जैसे मसले बीजेपी के मुद्दे माने जाते रहे हैं लेकिन, अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस भी इन मुद्दों को अपनाती दिख रही है। यहां तक की अब कांग्रेस के नेता अब शहीदों की अंत्येष्टि में प्राथमिकता से शामिल होने लगे हैं। पिछले साल टेम्पल रन करते हुए राहुल गांधी सबको चौंका दिया था। इसके बाद तो मानों कांग्रेस बीजेपी से इन मुद्दों को हथियाने की होड़ सी कर रही है। कांग्रेस बीजेपी के इन मुद्दों पर सेंध लगाकर राजनीतिक हित साधना चाहती है। उसे पता है कि इन एजेंडे के बिना कांग्रेस लगातार देश में जनआधार खोती जा रही है।
निराश्रित गाय गोद लेने वालों को सम्मानित करेगी कांग्रेस सरकार
राजस्थान में कांग्रेस ने सत्ता वापसी के साथ ही गाय गोद लेने वालों को अब सम्मानित करने का निर्णय लिया है। हाल ही में गौपालन निदेशालय द्वारा एक पत्र जिला कलेक्टर्स को जारी किया गया कि अब निराश्रित गाय गोद लेने वालों को गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। यही नहीं राजस्थान में गायों की दयनीय हालत को देखते हुए जिले के अफसरों, भामाशाहों और समाजसेवियों को गौवंश को गोद लेने के लिए प्रेरित करने को भी कहा गया है। इससे पहले कांग्रेस ने यह सब कभी नहीं किया था। ऐसा पहली बार होने जा रहा है। यहां तक कि अब कांग्रेस सरकार जल्द ही आवारा गौवंश के संरक्षण के लिए नीति भी तैयार करने जा रही है। दरअसल, कांग्रेस हर जोड़-तोड़ का फायदा उठाते हुए लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है, लेकिन उसके लिए राह बिल्कुल भी आसान नहीं है। कांग्रेस के देश के अधिकांश दलों से गठबंधन के होने बाद भी वह बीजेपी और मोदी को टक्कर देती नज़र नहीं आती।