जयपुर। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हरीश मीणा ने उनियारा में बजरी ट्रैक्टर चालक की मौत के मामले में अपनी ही सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। विधायक हरीश मीणा ने मामले की जांच प्रक्रिया को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस मामले की क्या जांच करोगे, जब धरना दिया तब तो मुकदमा हुआ और जब डिप्टी सीएम गए तब तो पोस्टमार्टम हुआ था। अब क्या जांच के लिए सीएम को बुलाना पड़ेगा? मीणा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये यह मामला सदन में उठाया था।
7 दिन तक आंदोलन किया तब दर्ज हुआ था मुकदमा
हरीश मीणा ने कहा उनियारा में दिन दहाड़े एक ट्रेक्टर चालक को मार दिया जाता है, इसके सैकड़ों गवाह है। मंत्री का जवाब गलत है, पुलिस कई घंटे तक लाश को लेकर घूमती रही। लाश को लेकर पुलिस वाले अस्पताल गए। जब 7 दिन तक मैंने आंदोलन किया तब तो मुकदमा दर्ज हुआ था, डिप्टी सीएम जब मौके पर गए तब तो पोस्टमार्टम हुआ है, अब क्या तफ्तीश होगी। 12 घंटे में कई मेडिकल बोर्ड बदले गए। अब क्या मुख्यमंत्री को लेकर जाउं, मेरे पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट है, रिपोर्ट में मौत का कारण मल्टीपल फ्रेक्चर है।
धारीवाल बोले, एडीजी से करवाई जाएगी जांच
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने हरीश मीणा से कहा, आप धरने पर तो बैठ गए लेकिन एफआईआर करवाने तो जाते, कोई भी एफआईआर करवाने नहीं गया। पोस्टमार्टम हुआ उसमें ब्लंट ऑबजेक्ट, ट्रोमा आदि मौत के कारणों में है। सवाल यह कि वह किससे मारा गया? हम एडीजी सिविल राइट से भी जांच करवाने को तैयार है। 3 तारीख की रात को थाने पहुंचे, 4 को एफआईआर हुई। मृतक के परिजनों ने उनियारा थाने के पुलिसवालों पर हत्या का आरोप लगाया। 3 जून 2019 को मृतक के परिजनों ने लिखित रिपोर्ट पेश की, 04 जून 2019 को पुलिसकर्मियों को निलंबित किया।
46 गवाहों के बयान दर्ज, छह पुलिसकर्मी निलंबित
मंत्री ने बताया कि इस मामले में एसआई मनीष चारण, हैडकांस्टेंबल राजेश गुर्जर, भगवान गुर्जर, लक्ष्मीचंद, सांवल जाट, रामावतसार जाट इन छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रकरण में हर बिंदु को स्पष्ट करने के लिए 46 गवाहों के बयान लिए। 168 दस्तावेज जब्त किए, बीते दिसंबर के अंत तक जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।