जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने विधायकों से एक के बाद एक नई चुनौतियां मिल रही है। कांग्रेस सरकार पर एक बार फिर से संकट में गिरती नजर आ रही है। अशोक गहलोत की पार्टी के विधायक ही उनके सामने नई नई परेशानियां खड़ी कर रहे है। हाल ही में पीसीसी चीफ एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बीच पैदा हुआ विवाद ठंडा भी नहीं पड़ा कि सीएम गहलोत के सामने एक नई चुनौती आ गई है। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने एक और लेटर बम से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत को गरमा दिया है। आपको बता दें कि भरत सिंह पहले कहा था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बारां जिले से निकल रही है। उनका इशारा खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के ऊपर था। उस समय यह मामला काफी चर्चा में रहा था।

सुखराम विश्नोई के खिलाफ खोला मोर्चा
कोटा जिले की सांगोद विधानसभा से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक और लेटर बम फोड़ दिया है। पूर्व में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से गहलोत सरकार के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को घेर चुके भरत सिंह ने अब उनके वन मंत्री सुखराम विश्नोई पर जमकर निशाना साधा है। बता दे कि भरत सिंह प्रदेश के स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के सदस्य हैं।

वन मंत्री को जिम्मेदारी से करें मुक्त
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने विश्व पर्यावरण दिवस के संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र लिखते हुए वन मंत्री सुखराम विश्नोई को इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि सुखराम विश्नोई की वन और वन्यजीवों में बिल्कुल रूचि नहीं है। वे पिछले ढाई साल के कार्यकाल में एक बार भी किसी सेंचुरी, अभ्यारण और टाइगर रिजर्व में विजिट करने नहीं गए है। ऐसे में जंगलों और वन्यजीवों की अनदेखी देखने को मिल रही है।

विश्नोई को बनाए उपमुख्यमंत्री या गृहमंत्री
भरत सिंह ने अपने पत्र में आगे लिखा कि प्रदेश के वन मंत्री अपना दायित्व ठीक से नहीं निभा रहे हैं। वे अपने जिम्मेदारी के प्रति गंभीर नहीं हैं। राजस्थान सरकार में उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पद खाली है। वन मंत्री की रूचि वन व वन्यजीवों में नहीं होने और उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें उपमुख्यमंत्री या गृहमंत्री बनायें ताकि वे खुश रहे।