जयपुर। सांगोद विधायक और राजस्थान के पूर्व मंत्री भरत सिंह ने एक बार फिर अपनी ही कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। भरत सिंह ने एक पत्र इस बार कोटा रेंज के आईजी को लिखा है। उन्होंने दो घटनाओं का जिक्र किया है। बारां में नगर अध्यक्ष गौरव शर्मा की कांग्रेस के ही महासचिव राजेन्द्र मीणा द्वारा हत्या किए जाने को लेकर उन्होंने दो विधायकों को कटघरे में खड़ा किया है।
मरने वाला और मारने वाला दोनों ही कांग्रेस के विधायक के चेले
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने कहा है कि मरने वाला और मारने वाला दोनों ही कांग्रेस के विधायक के चेले हैं। साथ ही आरोपियों को राजनैतिक संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है। हत्या के मामले में सांगोद विधायक भरत सिंह ने अंता विधायक व खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया और बारां अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल पर हमला बोला है।
‘गौरव शर्मा की हत्या की तह तक जाने की जरूरत’
भरत सिंह ने अपने पत्र में पुलिस महानिरीक्षक को कहा कि हाल ही में बारां कांग्रेस के नगर अध्यक्ष गौरव शर्मा की हत्या से अपराध जगत से जुड़े सवालों का उत्तर पुलिस को तलाशना होगा। गौरव शर्मा को हाल ही में बारां कांग्रेस का नगर अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। पूर्व में गौरव शर्मा नगर परिषद बारां के उप सभापति थे।
राजेंद्र मीणा मुंडला और रामकुंवार मीणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज
कांग्रेस विधायक ने कहा कि गौरव शर्मा की हत्या राजेंद्र मीणा निवासी मूंडला द्वारा करना बतलाया गया है। राजेंद्र मीणा बारां नगर कांग्रेस के महासचिव हैं। यह हत्या प्रॉपर्टी व्यवसाय से संबंध रखती है। यह दोनों व्यक्ति अंता-बारां के विधायक के चेले हैं। बारां पुलिस ने भी इस मामले में राजेंद्र मीणा मुंडला और रामकुंवार मीणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों को इस मामले में पहले डिटेन कर लिया गया था।
आरोपियों को राजनैतिक संरक्षण देने का आरोप
उन्होंने पत्र में स्प्ष्ट लिखा कि किसी भी शहर या कस्बे में अपराध को पनपने का एक प्रमुख कारण राजनैतिक संरक्षण होता है। पुलिस अगर अपनी जांच में अपराधियों के राजनैतिक संरक्षण प्रदान करने वाले आका का नाम सार्वजनिक करे तो जनता के हित में होगा। मांगरोल (बारां) में फायरिंग करने वाले कालू भड़क को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। कालू भड़क बीजेपी के नेताओं के नजदीक है।
वसुंधरा राजे ने भी कांग्रेस पर बोला था तीखा हमला
आपको बता दें कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना पर दुख जताते हुए कांग्रेस सरकार पर हमला बोला था। राजे ने कहा कि राज्य में जिस पार्टी की सरकार है उसी के नगर अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हर कोई स्तब्ध है, सरकार मौन है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारी ही सुरक्षित नहीं है, तो फिर आम आदमी की सुरक्षा का जिम्मा कौन उठाएगा? आखिर कब तक यह सरकार प्रदेश के जंगलराज पर अपने थोथे दावों का मुखौटा लगाकर घूमेगी? सरकार जिंदा है तो जिंदा होने का एहसास कराएं।