भरतपुर को कांग्रेस के एक विधायक दल ने चंबल लिफ्ट परियोजना की डीपीआर मुख्यमंत्री जी को सौंपी भरतपुर के 2 मंत्री भजनलाल जाटव और सुभाष गर्ग दोनो इसमें शामिल थे “चंबल लिफ्ट परियोजना” के नाम पर बनी डीपीआर में भरतपुर की बाणगंगा- रूपारेल- कुकुन्द नदी में पानी लाने का कोई जिक्र नहीं हुआ है इसमें भरतपुर जिले की जनता की उपेक्षा हुई है। भरतपुर जिले को दोनो मंत्रीयों को भरतपुर जिले के हित में जोरदार तरीके से पक्ष रखना चाहिये था लेकिन दोनों मंत्री क्यों चुप रहे क्यों उन्होने वाणगंगा नदी और सिंचाई ‘ पेयजल किल्लत को नजर अंदाज किया उन्हे बताना चाहिये जनता को जरूर दुःख हुआ होगा और समय पर जनता ऐसे जन प्रतिनिधियों को जरूर जवाव देगी । लंबे अरसे से भरतपुर क्षेत्र के किसान सिंचाई के पानी की मांग कर रहे है।
कांग्रेस सरकार को भरतपुर की जनता ने 7 विधायक दिए बदले में कांग्रेस सरकार ने भरतपुर के किसानों की जो उपेक्षा की है, बह चिंतनीय है, चंबल का पानी बाणगंगा नदी में आता तो भरतपुर के वैर भुसावर, रूपवास, कुम्हेर, नदवई, भरतपुर के बहुत बड़े हिस्से को पानी मिलेगा। शायद भरतपुर के कांग्रेसी मंत्री नही चाहते की ये पानी भरतपुर को मिले। कल दो मंत्रियो और विधायको ने जो DPR मुख्यमंत्री को सौपी है वह सरकार द्वारा नहीं बनवाई गई और उसमे क्षेत्र विशेष को ही ज्यादा महत्व दिया गया है जवकि पानी की जरूरत भरतपुर सहित सभी जिलों को है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी द्वारा बनाई योजना “ईआरसीपी “में पीने के पानी ओर सिंचाई के पानी दोनो के लिए योजना थी, राजस्थान के 13 जिलों के लिए बनी इस योजना को अपने ही तरीके से तोड़ मरोड़ कर लागू करवाकर मंत्री जी भरतपुर और अन्य जिलों को नजरंदाज अपनी चुप्पी से करवा रहे है। अगर राज्य सरकार को ऐसा करना ही था तो वो पांच वर्ष से पानी के सवाल पर क्यों चुप बैठी रही अब चुनाव के वक्त केवल वोट बटोरने के लिये जनता को गुमराह किया जा रहा है।समय आने पर यही भरतपुर की जनता कांग्रेस को जवाब देगी।
reporter- ashish verma