प्रदेश में सफाई व्यवस्था चौपट है, मरीज अस्पताल में इलाज के लिए तड़प रहा है, अन्नदाता यूरिया के लिए घण्टों लाइन में लगा है, बावजूद इसके उसे यूरिया नहीं मिल रहा। हां! आश्वासन जरूर मिल रहा है। लेकिन, आप बेफिक्र रहिए! ये सब अब राजस्थान में आम हो चला है। होना भी लाजिमी है क्योंकि शासन कांग्रेस सरकार का है उसी कांग्रेस सरकार का जिसे आपने अपने अमूल्य वोट से सत्ता की चाबी सौंपी है। अब जनता जनार्दन कांग्रेस सरकार से एक ही सवाल पूछ रही हैं। आखिर हमसे से ऐसी कौन सी भूल हो गई जो आप हमें सुशासन की जगह कुशासन दे रहे हैं
सरकार बने एक पखवाड़े से ज्यादा का समय बीत चुका है। बावजूद उसके कांग्रेस सरकार न यूरिया के समाधान के लिए कुछ कर पाई है न ही शहर में सफाई व्यवस्था दुरस्त करने के लिए कोई वैकल्पिक और स्थाई समाधान ढूंढ पाई है। इतना ही नहीं प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और प्रशासन-सरकार रैन बसेरों के सही इंतजामात कर पाई है।
कांग्रेस सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक भी हो गयी। लेकिन, किसानों की कर्ज माफी कब से पूर्णता लागू होगी इसको लेकर इस बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया। वहीं, बेरोजगार भी सरकार की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं कि उन्हें कब से बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। लेकिन, कैबिनेट बैठक में इस बात पर भी कोई फैसला नहीं हुआ। रोजगार के दावें करने वाली कांग्रेस सरकार शिक्षकों की भर्तियों को लेकर क्या करने वाली है इस पर भी कैबिनेट में कोई फैसला नहीं हुआ। कोई रास्ता साफ हुआ है
किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारों को भत्ता, शहर में बदहाल सफाई व्यवस्था! ये सब वहीं सवाल है जिनका जवाब कांग्रेस सरकार देने से पहले चाहती है कि उन्हें थोड़ा वक्त मिलना चाहिए। ये बात अलग है कि वोट बैंक की मजबूरी में उन्होंने जनता से वादे तो जरूर कर दिए लेकिन, उन वादों और योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में कांग्रेस सरकार कुछ वक्त चाहती है। वक्त कितना चाहिए ये कांग्रेस सरकार स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन, वह चाहते हैं कि उन्हें वक्त मिलना चाहिए। तो, बिल्कुल जनता के पास भी समय देने के अतिरिक्त कोई और रास्ता नहीं है। लेकिन, ऐसा न हो कि ये वक़्त निकल जाए और लोकसभा चुनाव में यहीं जनता जनार्दन 25 में से 0 सीटें देकर अपनी राय प्रकट करें।
Author
Prakash