मारवाड़ की राजनीति के बरसों तक प्रमुख चेहरे रहे परसराम मदेरणा और रामसिंह विश्नोई के परिवार को कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी पहली सूची में जगह दी है। मदेरणा व विश्नोई के बेटे भंवरी प्रकरण में जेल गए तो पार्टी ने दोनों के बेटा-बेटी को ही मैदान में उतार दिया। पार्टी के इस रवैये के कारण जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई हुई है। कांग्रेस ने भंवरी देवी हत्याकांड के आरोपी महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा को जोधपुर की ओसियां सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि मलखान सिंह विश्नोई के बेटे महेन्द्र विश्नोई को लूणी विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 152 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में नेताओं के 15 रिश्तेदारों को टिकट थमाया।
परिवारवाद का मोह त्याग नहीं पा रही है कांग्रेस
परसराम मदेरणा और रामसिंह विश्नोई के बेटों महिपाल व मलखान ने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। दोनों विधायक भी बनें, महिपाल को गहलोत सरकार में मंत्री भी बनाया गया। लेकिन वर्ष 2011 में भंवरी देवी हत्याकांड में दोनों के नाम सामने आए। इस मामले में कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई, लेकिन पार्टी ने अब तक इन परिवारों से मोह नहीं त्यागा है। भंवरी मामले में महिपाल व मलखान दोनों पिछले छह साल से जेल में बंद है। 2013 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने महिपाल की पत्नी और मलखान की मां को चुनाव मैदान में उतार दिया। ये दोनों महिलाएं परिवार की विरासत को बरकरार नहीं रख पाई और चुनाव हार गई।
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देशभर में बहुचर्चित हुआ भंवरी देवी मर्डर केस
देशभर में बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड उस समय चर्चा में आया था जब इस कांड में कांग्रेस सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा का नाम आया था। 36 साल की भंवरी देवी पेशे से नर्स थीं जिनका अपहरण करने के बाद मर्डर कर दिया गया था। हत्या के बाद भंवरी देवी का शव जलाकर राख को राजीव गांधी नहर में बहा दिया गया था। हालांकि इस केस की जांच कर रहे एजेंसियों ने दावा किया था कि नहर से कुछ हड्डियों को बरामद किया गया था जो कि भंवरी देवी की ही थी। आरोप लगा था कि भंवरी देवी ने महिपाल मदेरणा से 50 लाख रुपये की मांग की थी, जिनके साथ वह एक अश्लील सीडी में नजर आई थीं। मामला सामने आने के बाद राज्य की राजनीति भी गर्मा गई थी और गहलोत सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जांच के बाद पुलिस ने तत्कालीन मंत्री महिपाल सिंह मदेरणा और तत्कालीन कांग्रेस विधायक मलखान विश्नोई सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। ये दोनों कांग्रेसी नेता तब से जेल में बंद है। इन नेताओं के नामी परिवारों के सहारे कांग्रेस फायदा उठाने से नहीं चूकना नहीं चाहती। तभी तो 2013 के चुनाव में हारने के बाद भी फिर से इन परिवारों को टिकट दिया गया है।