जयपुर। कर्नाटक में कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। कुल 224 में से कांग्रेस 136 के बड़े बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी मात्र 64 सीटों पर कब्जा कर पाई। वहीं, 20 सीटों के साथ जेडीएस तीसरे नंबर रही और अन्य के खाते में 4 सीटे आई है। इस बार बीजेपी को करारा झटका लगा है। कर्नाटक चुनाव की मतगणना शनिवार को शुरू होने के एक घंटे के अंदर ही भाजपा ने यह स्वीकार कर लिया था कि, जेडीएस के वोट कांग्रेस की तरफ ट्रांसफर हो गए हैं। और हर गुजरते वक्त के साथ भाजपा की यह आशंका सही साबित होती नजर आई। कर्नाटक में कांग्रेस ने बीजेपी के सत्ता में वापसी के सपने को तोड़ दिया है। इतना ही नहीं बीजेपी के कई बड़े नेताओं और मंत्रियों को शिकस्त मिली है। कांग्रेस के लिए इस जीत को बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के सभी नेता काफी जोश में दिखाई दे रहे हैं। वहीं धुर विरोधी पार्टी बीजेपी के कई प्रयासों के बावजूद करारी हार मिली है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बेस्ट विशेज दी हैं।
पीएम मोदी ने कांग्रेस को दी बधाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद ट्वीट कर कहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस पार्टी को बधाई देता हूं। लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेरी शुभकामनाएं। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कर्नाटक चुनाव में हमारा समर्थन किया है। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं। हम आने वाले समय में और भी अधिक जोश के साथ कर्नाटक की सेवा करेंगे।
सीएम बोम्मई ने ली हार की जिम्मेदारी
वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की इस हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। इसके कई कारण हैं। हम सभी कारणों का पता लगाएंगे और संसदीय चुनावों के लिए एक बार फिर पार्टी को मजबूत करेंगे। कर्नाटक के जनता का जो निर्णय है वो हम स्वीकार करेंगे और इस पर हम एनालिसिस करेंगे।
कर्नाटक में नफरत का बाजार हुआ बंद: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधत किया। राहुल ने कहा कि नमस्कार, सबसे पहले कर्नाटक की जनता, सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई। गरीब जनता की शक्ति ने बीजेपी को हराया। कांग्रेस पार्टी हमेशा से गरीबों के साथ रही। कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ है और मोहब्बत की दुकान खुली है।
लोग अपने मुद्दों पर समस्या का समाधान चाहते : प्रियंका
कांग्रेस की जीत पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो राजनीति लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। जनता के मुद्दों की बात नहीं करती है, वह अब इस देश में नहीं चलेगी। हमने इसे हिमाचल और कर्नाटक में देखा। लोग अपने मुद्दों पर चर्चा और समस्या का समाधान चाहते हैं।
कमल नाथ ने दी सभी नेता और कार्यकर्ताओं को बधाई
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में शानदार जीत के लिए मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अपनी भारत जोड़ो यात्रा से देश में नई क्रांति का संचार करने वाले राहुल गांधी सहित कर्नाटक के सभी नेता, कार्यकर्ताओं और जनता को हार्दिक बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जीत ने दिखा दिया है कि जनता सच्चाई का साथ देती है।हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद तय है कि मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी। सौदेबाजी की राजनीति समाप्त होगी। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता अब मध्यप्रदेश के लिए अपनी कमर कस ले। जय कांग्रेस, विजय कांग्रेस।
बजरंग बली का खूब हुआ जिक्र
सबसे पहले बजरंग बली की बात कर लेते हैं। दरअसल कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों पर बैन लगाने की बात कही थी, जिसके बाद पीएम मोदी और बीजेपी ने इसे बजरंग बली से जोड़ दिया। कहा गया कि कांग्रेस बजरंग बली को टारगेट कर रही है, इसका जमकर प्रचार हुआ और तमाम नेताओं ने इसे हथियार बनाकर कांग्रेस पर वार किया। हालांकि इसका चुनावी फायदा बीजेपी को नहीं मिला। इसके उलट कांग्रेस को भारी बहुमत मिल गया और बीजेपी करीब 64 सीटों पर ही सिमटकर रह गई।
सीएम फेस पर सस्पेंस
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बना रही है। लेकिन अभी सीएम फेस पर सस्पेंस है। कांग्रेस की तरफ से डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया का नाम आगे चल रहा है। डी के शिवकुमार कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष हैं, तो वहीं पूर्व सीएम सिद्धारमैया कर्नाटक के बड़े नेता हैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक, पार्टी विधायक सीएम चुनने का फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ेंगे। सीएम पद के लिए शिवकुमार के दावे को मजबूत किया जा रहा है। उनके समर्थक बोल रहे हैं कि सिद्धारमैया ने जब 2019 में हार के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता से इस्तीफा दिया था कब शिवकुमार ने इस चुनौती को संभाला था। समर्थकों का कहना है कि कोविड में भी शिवकुमार ने 24 घंटे काम किया, इसी के साथ सोनिया और खरगे की तरफ से भी उनको सपोर्ट है।