राजस्थान के सभी गरीब और मध्यम आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने तीन साल पहले मुख्यमंत्री आवास योजना लॉन्च की गई थी। इस योजना के तहत प्रदेशभर में 6 लाख मकान बनने हैं। हाल ही में इसी योजना में निजी व सरकारी जमीनों पर 1.72 लाख आवासों के निर्माण को मंजूरी दी गई है जिन्हें तैयार होने में दो साल का वक्त लगेगा। अब प्रदेश सरकार जोधपुर शहर में अगले सप्ताह 1072 आवासों का कब्जा देने की तैयारी में है। यह सभी आवास मुख्यमंत्री जनआवास योजना के तहत बनाए गए हैं। यह पहली बार है जब इस योजना के तहत आवासों का कब्जा दिया जा रहा है।
क्या है मुख्यमंत्री जनआवास योजना
प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने 5 जनवरी, 2015 को मुख्यमंत्री जनआवास योजना की लॉन्चिंग की थी। इस योजना के तहत निर्धन व मध्यम आय वर्ग के 6 लाख लोगों को खुद का आवास दिया जाना है। इस आवासों के आवेदन के बाद लॉटरी के जरिए ड्रॉ निकालकर काफी कम कीमत पर बेचा जाना था। रजिस्ट्री केवल 50 और 100 रूपए में होनी थी। साथ ही ऋण में 2.65 लाख रूपए की सब्सिडी भी आनी है। इसके अलावा, निजी भूखंड धारी भी इस योजना के तहत आवासों का निर्माण करा सकते हैं।
योजना की पात्रता
1. आवेदक का राजस्थान का निवास होना जरूरी है। अन्य राज्यों के इस योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकते।
2. स्वयं का आधार व पैनकार्ड होना चाहिए।
3. आवेदक और सहआवेदक में से किसी एक का महिला होना आवश्यक है।
4. बैंक में खाता होना चाहिए।
5. आवेदनकर्ता का या परिवार में से किसी का भी प्रदेश के किसी भी शहर में कोई मकान या भूखंड नहीं होना चाहिए। परिवार में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों को शामिल किया है। पैतृक संपत्ति को इसके अधीन नहीं माना गया है।