राजस्थान की राजनीति में शुरू से ही राज परिवार शामिल होते रहे हैं। जनता के मन में इनके प्रति आज भी इतना सम्मान है कि जिस भी सीट से राज परिवार का सदस्य चुनाव लड़ता है लोग उसे बड़े अंतर से जीतकर ही दम लेते हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रदेश के कई राज परिवारों को भाजपा में शामिल कराने का श्रेय जाता है। गौरतलब है कि वे खुद भी धौलपुर राज परिवार से आती हैं। वसुंधरा राजे राजस्थान चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले की रात कोटा के पूर्व राजपरिवार को भाजपा में शामिल करने में कामयाब रहीं। बता दें, कोटा का राजपरिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा रहा है और कोटा के पूर्व महाराज ईज्यराज सिंह कांग्रेस के टिकट पर 2009 में सांसद भी चुने गए थे। उनके पिता भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से केन्द्र में कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
राज परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हो तो दिल दुखता है: राजे
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को कोटा राज परिवार को भाजपा में शामिल करा दिया। राजे ने ईज्यराज की पत्नी कल्पना सिंह को लाडपुरा विधानसभा से भाजपा का टिकट देकर कांग्रेस के खिलाफ रण में उतार दिया है। सीएम वसुंधरा राजे अपनी इस राजनीतिक कामयाबी का जश्न मनाने के लिए रविवार को खुद कोटा राज परिवार के निवास सिटी पैलेस पहुंची और वहां तिलक लगाकर ईज्यराज सिंह और उनकी पत्नी कल्पना सिंह को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलवाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि मैं जब भी कोटा राज परिवार के सदस्यों को देखती थी कि वह कांग्रेस में है तो मेरा मन दुखता था। कुमार ईज्यराज सिंह को तो मैं अपने बेटे दुष्यंत की तरह मानती हूं, लेकिन आज कल्पना और ईज्यराज के हमारी परिवार में वापस आने से मजबूती मिली है और हमें खुशी भी मिली है।
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कांग्रेस की पूर्व विधायक ममता शर्मा को भी करवाया भाजपा में शामिल
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को कोटा राज परिवार के साथ ही कांग्रेस की पूर्व विधायक और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा को भी औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल करवाया। बीजेपी ने अपनी अंतिम लिस्ट में कल्पना सिंह को लाडपुरा से और ममता शर्मा को पीपल्दा विधानसभा से टिकट दिया है। ममता शर्मा कांग्रेस से खुद के लिए या अपने बेटे के लिए बूंदी से टिकट चाह रही थीं, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने जब झालावाड़ से लेकर कोटा तक का रोड शो किया था तो खुद राहुल गांधी ईज्यराज सिंह को हर जगह आगे रखते थे। ईज्यराज की इच्छा अपनी पत्नी को कांग्रेस के टिकट पर लाडपुरा से चुनाव लड़वाने की थी। हालांकि, लाडपुरा की सीट पर अल्पसंख्यक कोटा के तहत कांग्रेस ने गुड्डू नईम को टिकट दे दिया। इससे नाराज होकर ईज्यराज सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया।