जयपुर। लोकसभा चुनाव में बड़ी पराजय के बाद राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक गहमा-गहमी का दौर शुरू हो चुका है। एक और जहां भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान में निकट भविष्य में अपनी सरकारें बनाने का दावा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर तीनों राज्यों की कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित सरकारें अपना-अपना गढ़ बचाने में जुटी हुई है। इस बढ़ती उथल-पुथल के बीच राजस्थान विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि कांग्रेस के जहाज में अब छेद हो चुका है और डूबते जहाज को देखकर उनके नेता इधर-उधर भागने लगे हैं। वहीं कांग्रेस नेता रामनारायण मीणा ने भी इस तथ्य का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने यदि अब भी अपना स्वार्थ नहीं छोड़ा तो केन्द्र सरकार धारा 356 के तहत अगले महीने तक राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करवा सकती है।

ट्वीट कर भाजपा पर लगाए आरोप
राजस्थान में कांग्रेस सरकार में फैले असंतोष के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्विटर के माध्यम से इस बात की पुष्टि है कि केन्द्र की भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार गिराने का प्रयास कर रही है। उन्होने भाजपा पर कांग्रेस के विधायकों को बहलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी को नए कार्यकाल की शुभकामनाएं भी प्रेषित की।


गहलोत ने कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारों को सचेत रहने का संदेश भी दिया। मीडियाई सूत्रों की मानें तो सीएम गहलोत के पास काफी दिनों से ऐसी शिकायतें आ रही है कि कांग्रेस के कई विधायक भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं। यही कारण है कि सीएम अशोक गहलोत ने 30 मई को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में जाने की बजाय निर्दलीय विधायकों से मुलाकात करना बेहतर समझा।

क्या निर्दलीय लगाएंगे डूबती नैया को पार ?
राजनीतिक पंडितों की मानें तो जादूगर गहलोत सरकार बचाने को लेकर भविष्य में आने वाली अड़चनों के बारे में पहले सचेत हो गए हैं। इसलिए उन्होंने सभी निर्दलीय विधायकों से नजदीकियां बढ़ा दी है ताकि कांग्रेस के विधायक यदि दूसरी पार्टी का समर्थन भी करें तो निर्दलीय विधायकों की मदद से उनके पास बहुमत का आंकड़ा हो।