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आबकारी विभाग का फरमान भूले सीएम अशोक गहलोत।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 17 फरवरी को हर्निया का सफल ऑपरेशन हो चुका है। ऑपरेशन सफल होने की जानकारी 67 वर्षीय गहलोत ने खुद ट्वीट कर दी। लेकिन, इस ऑपरेशन के बाद से ही एक सवाल लगातार जनमानस के बीच उठता जा रहा है कि जब प्रदेश में तमाम बीमारियों के इलाज के लिए बड़े बड़े अस्पताल और चिकित्सक मौजूद है तो सूबे के मुख्यमंत्री को इलाज के लिए मुम्बई क्यों जाना पड़ा। पढ़िए इस खास रिपोर्ट में।

अशोक गहलोत के हर्निया ऑपरेशन मुम्बई में कराने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल है। लोगों का कहना है कि जब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और मुखिया अशोक गहलोत लगातार ये दावा कर रहे हैं कि प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था बहुत ही सुचारू है, और राजस्थान में प्रत्येक बीमारी के इलाज के लिए अत्याधुनिक अस्पतालों में विदेशी मशीनें भी है तो खुद सीएम साहब को बाहर जाकर मुम्बई में इलाज क्यों करना पड़ रहा है।

जानकारों की माने तो उनका कहना था कि राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह बदहाल है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू को लेकर पहले राजस्थान देश में दूसरे नंबर में आ चुका है। सवा सौ मौतों सहित 4हजार के करीब स्वाइन फ्लू पॉजिटिव हो चुके हैं। लेकिन सरकार के सारे दावें केवल सिफर ही नजर आ रहे हैं, और केवल स्वाइन फ्लू ही नहीं। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में तो चिकित्सा व्यवस्था इससे भी ज्यादा भयावह है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत अपना इलाज राजस्थान में न कराकर मुम्बई में कराने गए थे। वहीं, कुछ लोगों ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि ‘खुद जादूगर साहब को राजस्थान के चिकित्सकों के जादू से डर लगता है।’