जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शराबबंदी पर बड़ा फैसला करते हए 30 फीट के रास्तों पर बार लाइसेंस की अधिसूचना को निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। शहरों में अब छोटे रास्तों पर गली-गली में बार नही खुलेंगे। सीएम निवास पर शुक्रवार को देर रात हुई उच्च स्तरीय बैठक में सीएम ने वित्त विभाग के अफसरों को शहरों में 30 फीट की गलियों में होटल-रेस्टोरेंट में बार लाइसेंस की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने को कहा है।
आपत्ति जताने के बाद निरस्त की अधिसूचना
आपको बता दें कि पिछले दिनों 30 फीट रास्ते पर ही होटल-रेस्टोरेंटों में बार का लाइसेंस देने को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। इस फैसले पर शराबबंदी समर्थक कार्यकर्ताओं और विपक्ष ने आपत्ति जताई थी। सीएम निवास पर देर रात हुई बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपनी मद्य संयम नीति की कड़ाई से पालना कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सीएम ने राज्य में आबकारी विभाग को इन्स्पेक्टर राज से मुक्त कर सिस्टम में पारदर्शिता व प्रभावी सुधार के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
ई-सिगरेट और हुक्का बार की तरह लेने सख्त निर्णय
सीएम ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य और युवा पीढ़ी को मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में रात 8 बजे शराब की दुकानों को बंद करने, ई-सिगरेट पर प्रतिबंध और हुक्का बार पर रोक जैसे सख्त निर्णय किए गए हैं। आमजन में इनका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।
प्रदेश में नहीं होगी शराबबंदी, जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
गहलोत सरकार प्रदेश में शराबबंदी नहीं करेगी। शराबबंदी के लिए बनाई गई हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने इसको लेकर प्रदेश में जारी तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। हाई पावर कमेटी की बैठक के बाद मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि सरकार का प्रदेश में शराबबंदी लागू करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब के दुष्परिणामों को लेकर प्रदेशभर में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।