जयपुर। कोटा जिले में पुलिस कस्टडी में हुई युवक हनुमान की मौत के माममे में मंगलवार को सीटी एसपी दीपक भार्गव ने पूरे थाने को लाइन हाजिर करने के बाद सस्पेंड कर दिया। 23 अगस्त को महावीर नगर थाने में पुलिस कस्टडी में हनुमान नाम के युवक मौत के मामले में सिटी एसपी ने रविवार को लाइन हाजिर करने के बाद मंगलवार को सस्पेंड कर दिया। साथ ही 5 एसआई सहित 21 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। पूरे थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर करने का कोटा में यह संभवत पहला मामला बताया जा रहा है।

थाने के पूरे स्टॉफ को किया लाइन हाजिर
एसपी दीपक भार्गव ने बताया कि अगर पुलिस कस्टडी में मौत हो जाती है, तो पुलिस की लापरवाही या मारपीट से मौत का आरोप लगाया जाता है। ऐसे में पूरे मामले की न्यायिक जांच हाेती है। जांच प्रभावित नहीं हाे इसलिए नियमों के अनुसार थाने के सीआई को सस्पेंड व थाने में तैनात पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया जाता है।

मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लगाए हत्या के आराेप
हनुमान की माैत के दो दिन बाद रविवार उसकी पत्नी नाथी बाई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने थाने में उसके पति जोरदार पिटाई की गई, जिससे उसकी माैत हुई। मृतक की पत्नी ने पुलिसकर्मियाें पर हत्या का आराेप लगाया था। आराेप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद परिजनों को सूचना नहीं दी। कागजों पर साइन करवाने के बाद सीधे मौत की जानकारी दी गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को देने के बजाए पुलिस ने खुद ही अंतिम संस्कार करवा दिया। अंतिम संस्कार के रीती-रिवाज पूरे नहीं करने दिए और बच्चों को पिता का चेहरा तक नहीं दिखाया गया।

मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
पुलिस ने मारपीट के आरोपाें काे झूठा बताते हुए कहा था कि शव उसके भाई के सुपुर्द किया और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार करवाया। इसके बाद काेली समाज ने पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए परिजनाें काे 20 लाख मुआवजा और सरकारी नाैकरी देने की मांग की थी। इस मामले में कलेक्टर काे ज्ञापन भी दिया गया था।