हाड़ौती से मेरा 30 साल का मजबूत रिश्ता है। इस अवधि में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं लेकिन यहां के लोग ढाल बनकर हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। यह कहना है राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का। मुख्यमंत्री राजे राजस्थान गौरव यात्रा में कोटा संभाग यात्रा के दौरान स्थानीय जनता को संबोधित कर रही थी। उन्होंने विपक्ष पर शिकंजा कसते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए राजस्थान हाड़ौती की सीमा पर ही खत्म हो जाता है। जब-जब भी कांग्रेस की सरकारें आई, हाड़ौती क्षेत्र की उपेक्षा की। जबकि हमने प्रदेश की सभी 36 की 36 कौम को गले लगाया और बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश का विकास किया।
जनता ने जो वाजिब काम बताया, हमने किया…
राजे ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब विकास इनकी प्राथमिकता नहीं थी। कहते थे हमारे पास पैसा नहीं है इसलिए विकास नहीं करा सकते। मैं कहती हूं उनके पास पैसों की नहीं विकास के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी थी। हमने कभी नहीं कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है। जनता ने जो भी वाजिब काम बताया वह हमने किया। पहले टैक्स, उसके बाद वेट और अब जीएसटी को न्याय संगत कर हमारी सरकार ने कोटा स्टोन उद्योग को संरक्षण देने का काम किया है।
मैं एक महिला इसलिए बहनों के साथ खड़ी हूं…
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मैं एक महिला हूं इसलिए अपनी महिला बहनों के साथ हर पल खड़ी हूं। राजश्री योजना में बेटी को लक्ष्मी का रूप मानकर जन्म से लेकर लगातार सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा पास करने तक उसे 50 हजार रुपए हमारी सरकार देती है। साईकिल, स्कूटी, लेपटॉप, छात्रवृत्ति, स्कूल दूर तो आने-जाने के लिए वाउचर, श्रमिक कार्डधारी है तो विवाह के लिए 55 हजार रुपए देकर महिला को सशक्त किया जा रहा है। महिला परित्यक्ता, विधवा, दिव्यांग और वृद्धा है तो उसे पेंशनन दी जा रही है। पालनहार योजना में बच्चों को पालने के लिए 1 हजार रुपए तक प्रति बच्चा हर माह दिये जा रहे हैं। महिलाओं को घर का मुखिया बनाने के लिए हमने भामाशाह योजना शुरू की। हमारी बेटियों की तरफ कोई आंख उठाकर न देखे इसलिए हमने 12 साल से कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा का कानून बनाया। अब तक 3 आरोपियों को यह सजा सुना दी गई है।
विधानसभा जनता की आवाज उठाने का एक सशक्त मंच
अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि विधानसभा जनता की आवाज उठाने का एक सशक्त मंच होता है। दो बार मुख्यमंत्री रह चुके व्यक्ति ने विधानसभा में जनता की आवाज नहीं उठाई और चुनाव आते ही बाहर निकल आये। इससे स्पष्ट है कि इन लोगों का जनता से कोई लेना-देना नहीं है। आज चुनाव के वक्त पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हल्ला मचा रहे हैं। जबकि राजस्थान सरकार ने इतिहास में पहली बार डीजल-पेट्रोल के दामों में इतनी कमी की है।
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