राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज विधानसभा में बजट 2018-19 को पेश किया। हमेशा हंसमुख अंदाज में दिखाई देने वाली मुख्यमंत्री विधानसभा में बजट सत्र के दौरान काफी सीरियस और शायराना अंदाज में नज़र आईं। चौदहवीं विधानसभा के दसवें सत्र के अवसर पर उनका यह अंदाज विधानसभा में बैठी सभी पक्ष व विपक्षी विधायकगणों को भी खासा पसंद आया।
मैं किसी से बेहतर करूं, क्या फर्क पड़ता है।
मैं किसी का बेहतर करूं, बहुत फर्क पड़ता है।।
निम्न पंक्तियां पढ़कर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने विधानसभा में अपनी भावनाएं व्यक्त की और उसके बाद राज्य बजट 2018-19 पढ़ना शुरू किया। उनकी सभी योजनाओं पर पूर्ण रूप से स्वीकृति बन गई है। हालांकि किसानों को दिए जाने वाली कर्ज माफी पर विपक्ष की ओर से थोड़ा बहुत हो हल्ला हुआ लेकिन मुख्यमंत्री राजे ने निम्न पंक्तियां बोलकर सभी को चुप करा दिया।
ये मंजिलें बड़ी जिद्दी होती हैं,
हासिल कहां नसीब से होती हैं।
मगर वहां तूफां भी हार जाते हैं,
कश्तियां जहां जिद पे होती हैं॥
विधानसभा हो या फिर अन्य कोई समारोह, मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का यह अंदाज अब तक शायद ही देखने को मिला हो। खैर जो भी हो, उनका यह अंदाज सत्तापक्ष के विधायकों के साथ विरोधियों तक को रास आया। अपने मौजूदा कार्यकाल के 5वें और अंतिम बजट का समापन उन्हें कुछ इस प्रकार किया …
मंजिल यूं ही नहीं मिलती दोस्तों,
इक जुनून जगाना पड़ता है।
पूछा चिड़िया से घोंसला कैसे बनता है,
बोली-तिनका तिनका उठाना पड़ता है।।
हाई-टी कार्यक्रम में शामिल हुईं मुख्यमंत्री
सोमवार को चौदहवीं विधानसभा के दसवें सत्र के अवसर पर बजट पेश होने के बाद राज्यपाल कल्याण सिंह एक हाई-टी कार्यक्रम में शामिल हुए। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा आयोजित इस जलपान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सहित मंत्री मण्डल के सदस्यगण, विधानसभा के सदस्यगण, और अनेक गणमान्य नागरिकगण मौजूद थे।
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