“विनाशकाले विपरीतबुद्धिः।” विपक्ष में बैठी कांग्रेस पर यह कहावत बिलकुल ठीक चरितार्थ होती प्रतीत होती है। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे और उनकी राजस्थान गौरव यात्रा को मिल रहे अपार समर्थन और जनता के प्रेम को देखकर कांग्रेस उलटे-सीधे हथकंड़े अपना रही है। इससे देखते हुए कहा जा सकता है कि निश्चित तौर पर कांग्रेस का पतन अब नज़दीक आ चुका है। दरअसल बात यह है कि बीते शनिवार को मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा जोधपुर संभाग के पीपाड़ विधानसभा क्षेत्र से गुजर रही थी। तभी यात्रा पर पथराव होने लगा। सब लोग इस अचानक से हुए हमले से सम्भलने और बचने की कोशिश कर ही रहे थे, कि एक तरफ़ से नारेबाजी होने लगी। नारे लग रहे थे… “कांग्रेस ज़िन्दाबाद, अशोक गहलोत ज़िन्दाबाद।” सारा माज़रा समझ में आ गया।
मतलब यह कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के सफ़ल कार्यकाल, प्रदेश की तरक्क़ी और राजस्थान गौरव यात्रा को मिला रहे अपार जनसमर्थन को देखकर कांग्रेस के होनहार नेता तिलमिला उठे। इसीलिए तो नेताजी इस कदर नीचे गिरे कि गौरव यात्रा पर पथराव करवा दिया। उन्होंने सोचा कि आज गेंद अपने पाले में है। तो खेल लो। लेकिन बात-बात पर संस्कारों की बात करने वाली कांग्रेस के नेता आज ये संस्कार कैसे भूल गए। हिंदुस्तान की संस्कृति रही है कि एक बार तो कोई दुश्मन भी घर पर आ जाये तो भले ही झूठे मन से ही सही, मगर उसका भी आदर सत्कार पूरी तन्मयता के साथ किया जाता है। इसे सत्ता पाने की होड़ कहें या संस्कारों की कमी, जो इस बात को कांग्रेस भूल रही है या जानबूझ कर भूलने की कोशिश कर रही है। ऊपर से जब जनता और सरकार ज़वाब मांग रही है तो कांग्रेस के नेता घटिया बयान दे रहे हैं।
हालांकि यह बात तो कांग्रेस पहले भी कई बार अपनी हरकतों से साबित कर चुकी है कि उनका राजनीतिक स्तर बहुत नीचे गिर चुका है। लेकिन इस पथराव वाली घटना के बाद स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि कांग्रेस कि राजनीति बिल्कुल गर्त में पहुंच चुकी है। उनके विचार से कुर्सी के लिए कुछ भी किया जा सकता है और सत्ता के लिए किसी को चोट भी पहुंचायी जा सकती है।
जिस सेना के राष्ट्रीय सेनापति ही आतंकवादियों का गुणगान करते रहते हैं। उस सेना के प्यादे कैसी मानसिकता रखते होंगे। इस बात का अंदाजा कोई भी बुद्धिजीवी आसानी से लगा सकता है। इनकी हरकतें तो देखो। जोधपुर के बाद कोटा में निकाली जा रही उप गौरव यात्रा में भी इन लोगों ने हंगामा करवा दिया। माना कि सत्ता की दौड़ और राजनीति के रण में सब कुछ जायज होता है। मगर गाँधीजी के अहिंसा परमो धर्म वाले देश में ये कौन सी राजनीति करने आये हैं। राजनीति में वाद होते हैं, विवाद होते हैं। आरोप लगते हैं, प्रत्यारोप लगते हैं। यहाँ तक की तीखी नोकझोंक भी हो जाती है। मगर हिंसा और पथराव जैसी घिनौनी हरकत राजस्थान की राजनीति में पहली बार देखने को मिली। ये कांग्रेस का ही कमाल है। जो समय पर ऐसी हरकतें करते रहते है। लेकिन किसी हास्य कलाकार की तरह लोगों का मनोरंजन करने वाली पार्टी अचानक से मारधाड़ से भरपूर एक्शन दिखाने वाली बन गयी। ये बात लोगों को कतई नागवार गुजरी है। जिसका नतीजा कांग्रेस को आने वाले विधानसभा चुनावों में औंधे मुँह गिरकर भुगतना पड़ेगा।
पीपाड़ विधानसभा क्षेत्र में गौरव यात्रा पर हुयी पथराव की घृणित घटना के ख़िलाफ़ भाजपा के पूर्व प्रदेशध्यक्ष अशोक परनामी ने भी कल पत्रकार वार्ता में घोर निंदा करते हुए इसे कांग्रेस तुच्छ घटना करार किया। राजस्थान की जनता के द्वारा भी इसे कांग्रेस का अक्षम्य अपराध घोषित किया जा चूका है। सब लोग इसे धिक्कार रहे हैं। ख़ैर इस बात का नतीजा तो कांग्रेस को आने वाले विधानसभा चुनावों में देखने को मिल ही जायेगा। लेकिन कांग्रेस ने अभी से ही अपनी हरक़त से दिखा दिया कि वो राज्य की सत्ता पर बैठे के क़ाबिल नहीं रही।
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