हिंदूस्तान को आजाद हुए 72 साल हो गए हैं।राजस्थान ने भी इस साल अपनी स्थापना के 69 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन 69 सालों में हमारे प्रदेश में समय-समय पर अलग-अलग राजनीतिक दलों ने अपनी सरकारें बनायी। कई पंचवर्षीय योजनाएं आयी, कई जन कल्याणकारी योजनाएं भी चलाई लेकिन हर बार कभी बच्चे, कभी महिलाएं, कभी युवा वर्ग, कभी किसान वर्ग, कभी स्टूडेंट्स, कभी कर्मचारी तो बुज़ुर्ग समाज का कोई ना कोई व्यक्तिवर्ग पिछड़ा रह जाता था। वजह है- किसी भी सरकार ने कभी कोई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई ही नहीं जो प्रत्येक आयुवर्ग के व्यक्ति को लम्बे समय तक लाभ पहुंचा सकें। लेकिन साल 2013 में राजस्थान को पुनः एक ऐसी मुख्यमंत्री मिली जो प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी थी। वह है मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।
यह सरकार दूसरी बार सत्ता में आई थी। जिस प्रकार एक परिवार की महिला मुखिया सभी सदस्यों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपना घर संभालती है, ठीक उसी प्रकार उन्होंने भी इस राज्य की बागडोर अपने हाथों में ली। बीते साढ़े चार वर्षों में उन्होंने इस राज्य में जितने विकास कार्य किये, उतने पिछले 65 वर्षों में किसी मुख्यमत्रीं ने नहीं किये। वसुंधरा राजे ने राज्य के प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो बच्चा, बूढ़ा, जवान, स्त्री, पुरुष, ग़रीब, अमीर हो या किसी भी वर्ग का हो सबके लिए तरक़्क़ी और विकास के प्रयास किये। उन्होंने बच्चे के पैदा होने से लेकर बुढ़ापे तक के लिए जीवन को सरलता से जीने की व्यवस्था की है। आईये जानते हैं विभिन्न आयु वर्गों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में…
महिला वर्ग
सम्पूर्ण भारत में अब तक की सबसे बेहतर योजना भामाशाह योजना की शुरुआत भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ही की थी। जिसने प्रदेश की महिलाओं को उनके परिवार का मुखिया बना दिया। महिला सशक्तिकरण को सम्बल और प्रदेश की नारी को उचित सम्मान मिला। भामाशाह योजना के तहत किसी भी परिवार के सभी सदस्यों की पूरी जानकरी भामाशाह कार्ड में जोड़ी जाती है, और फिर परिवार की महिला मुखिया के नाम बैंक खाता खोला जाता है, फिर उस परिवार को सरकार द्वारा मिलने वाली समस्त सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में स्थांतरित कर दिया जाता है। जिससे सभी जरुरतमंदों को उनका हक़ भी मिला और वर्षों से चला आ रहा भ्रष्टाचार भी ख़त्म हो गया। बैंक खाते को लाभार्थी के मोबाइल नंबर से भी जोड़ा गया ताकि उसके खाते में होने वाले प्रत्येक आहरण की सुचना उसको मिल जाती है।
कन्या वर्ग
हमारे राज्य में जब कोई बच्ची पैदा होती है, जिसका प्रसव राजकीय चिकित्सालय एवं जननी सुरक्षा योजना से रजिस्टर्ड निजी चिकित्सालय में कराया जाता है, तो जच्चा और बच्चा दोनों के अच्छे पोषण के लिए जन्म के समय 2500 रुपये की वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। एक वर्ष का टीकाकरण होने पर 2500 रुपये कि आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। एक वर्ष का टीकाकरण होने पर 2500 रुपये दिए जाते हैं। जब लड़की पहली कक्षा में प्रवेश लेती है तो 4000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000 रुपये, कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000 रुपये तथा कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर 25000 रुपये दिए जाते। साथ अगर कोई लड़की पढ़ाई के दौरान अच्छा प्रदर्शन करती है तो उन्हें साईकिल, स्कूटी, हैल्मेट और अन्य सहायता भी समय-समय पर प्रदान की जाती हैं।
विद्यार्थी वर्ग
प्रदेश की आने वाली पीढ़ी क़ाबिल हो, योग्य हो, होनहार हो इसलिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को बेहतर शिक्षा देने व विद्यालयों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पिछले चार वर्षों में राजस्थान सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में नयापन लाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी विद्यालयों में आधुनिक शिक्षा की समुचित व्यवस्था की है, जिससे लगभग 15 लाख नए विद्यार्थी, सरकारी विद्यालयों में दाख़िल हुए हैं। तथा विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक, कक्षा-कक्ष, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, चार दीवारी, प्रयोगशाला, कंप्यूटर, इंटरनेट आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। परिणामतः राजस्थान में लम्बे अन्तराल के बाद राजकीय विद्यालयों का बोर्ड परीक्षा परिणामों तेजी से सुधरा। कक्षा 10 में परीक्षा परिणाम 66 प्रतिशत से बढ़कर 73 प्रतिशत और कक्षा 12 में 78 प्रतिशत से बढ़कर यह 88 प्रतिशत हो गया है। स्पष्टतः प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में सुधार और सकारात्मक बदलाव के परिणाम सामने आये। और हमारा प्रदेश 26वें पायदान से दूसरे पायदान पर पहुँच चुका है।
युवा वर्ग
प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी की समस्या को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रोज़गार के नए अवसर पैदा करने के साथ-साथ युवाओं को रोज़गार के योग्य बनाने के लिए कौशल एवं आजीविका विकास योजना शुरू की। जिसके तहत युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जाता है, तथा उन्हें रोज़गार भी उपलब्ध कराया जाता है। कौशल एवं आजीविका विकास योजना के अन्तर्गत 4 सालों में लगभग 15 लाख से युवाओं को रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाए, इनमें 2 लाख 80 हज़ार सरकारी रोज़गार भी शामिल हैं। इसके साथ ही प्रदेश के युवाओं को इस लायक़ भी बनाया की वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर दूसरों को रोज़गार दे सकें। आज प्रदेश में लाखों युवा सम्मान का जीवन जी रहे हैं।
किसान वर्ग
किसानों के हित में भी वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की शुरुआत की जिससे गांवों में वर्षा का पानी बहकर बाहर जाने की बजाय गांवों के ही निवासियों, पशुओं और खेतों के काम आए। साथ ही मुख्यमंत्री जी ने किसानों की भलाई के लिए साढ़े चार साल में 10 हज़ार 600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 31 लाख 65 हज़ार मैट्रिक टन कृषि उपज ख़रीदी है। प्रदेश के लगभग 30 लाख़ किसानों का 50 हज़ार रुपये तक का फसली ऋण माफ़ किया।
अन्य वर्ग
उपरोक्त सभी योजनाओं के अलावा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की और भी कई योजनाएं वर्तमान में चल रही हैं, जिसने प्रदेश का हर व्यक्ति लाभ प्राप्त कर रहा है। वर्तमान में अन्नपूर्णा दूध योजना, ई-सखी, भामाशाह रोज़गार सृजन योजना, राजस्थान बाड़मेर रिफाइनरी, ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना, ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्या दान कोष, प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क कोचिंग योजना, अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना, अम्बेडकर फैलोशिप योजना, मिशन इन्द्रधनुष, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, दीनदयाल अन्त्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, पन्नाधाय जीवन अमृत योजना, सोलर पम्प कृषि कनेक्शन योजना जैसी अनेकों लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं से न केवल प्रदेश के हर तबका और हर आयु वर्ग का व्यक्ति लाभान्वित हो रहा है बल्कि सक्षम होकर सम्पन्न, समृद्ध और खुशहाल जीवन जी रहा है।
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