राजधानी जयपुर के चांदपोल मेट्रो स्टेशन को एक साल में बिजली बिल में 75 लाख रूपए बचाने के लिए राजस्थान ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के लिए चुना गया है। वाणिज्य भवनों की श्रेणी में चांदपोल मेट्रो स्टेशन को बिजली बचाने के लिए दूसरा पुरस्कार दिया गया है। पिछले एक साल में चांदपोल मेट्रो स्टेशन ने 75 लाख रूपए की बिजली बचाने में सफलता हासिल की है। इसके लिए 14 दिसम्बर यानि आज ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार समारोह में जयपुर मेट्रो को पुरस्कृत करेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जयपुर मेट्रो के परिचालक एवं प्रणाली निदेशक जीएस जीनगर ने बताया कि चांदपोल मेट्रो स्टेशन 30 हजार वर्गमीटर में भूमिगत और वातानुकूलित बना हुआ है जिसका विद्युत भार 2 हजार किलो वाट है। यह स्टेशन 24 घंटे विद्युतीकृत है। 2015-16 की तुलना में 2016-17 में चांदपोल मेट्रो स्टेशन के विद्युत खर्च में 9.75 लाख यूनिट की कमी आई है जिससे बिजली बिल में 77 लाख रूपए की सीधी बचत हुई है।
जब उनसे पूछा गया कि इतनी भारी बचत उन्होंने कैसे की तो उन्होंने बताया कि स्टेण्ड बाई ट्रांसफार्म को बंद करके, एस्कलेटर को आइडियल मोड पर चलाकर और अतिरिक्त एसी यूनिट को स्विच आॅफ करने जैसे तरीकों को अपनाकर यह बचत की गई है। आपको बता दें कि संचालन के पहले ही वर्ष में जयपुर मेट्रो को ऊर्जा संरक्षण में राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल चुका है। मानसरोवर से चांदपोल तक एलिवेटेड मार्ग पर 12,800 एलईडी लाइट की स्काईलाइन है। विवेक विहार मेट्रो स्टेशन केवल एलईडी लाइट से जगमग होने वाला पहला मेट्रो स्टेशन है।
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