राजस्थान में सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में हाल ही एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। दरअसल, जयपुर में सेन्ट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम की शुरूआत हो चुकी है। अपराधियों पर शिकंजा कसने और सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण फैसला है। अब सभी इंवेस्टिगेशन एजेंसियों के लिए फोन रिकॉर्डिंग की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकेगी। भारत सरकार के दूरसंचार महानिदेशक सुनील कुमार ने इस कार्यालय का हाल में उद्घाटन किया है। बता दें कि यह राजस्थान का पहला सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम कार्यालय है।
सीएमएस कार्यालय खुलते ही निजी और सरकारी दूरसंचार कंपनियों के अधिकार किए समाप्त
प्रदेश में सेन्ट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम कार्यालय के उद्घाटन के साथ ही अब निजी दूरसंचार कंपनियों और सरकारी दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग और लैंड लाइन फोन रिकॉर्डिंग, डाटा ट्रैस करने की व्यवस्था के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं। बता दें, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग और टेलीकॉम रेग्यूलेटरी ऑफ इंडिया के तत्वाधान में सेन्ट्रल मॉनिट्रिंग सिस्टम को ये अधिकार हाल ही में ट्रांसफर हो गए हैं। अब प्रदेश और देश की एजेंसियों को हाईटैक अपराधों पर अंकुश लगाने, अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सबसे संवेदनशील और बहुत महत्वपूर्ण मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग, लैंडलाइन फोन रिकॉर्डिंग और डाटा ट्रैस करने की व्यवस्था सीएमएस सिस्टम से ही उपलब्ध हो सकेगी।
हाईटैक मशीनों और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस किया गया है सीएमएस कार्यालय
जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान में सेन्ट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम कार्यालय को हाईटैक मशीनों और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस किया गया है। सीएमएस कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर भारत सरकार के दूरसंचार महानिदेशक सुनील कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत दूरसंचार क्षेत्र में पारदर्शिता बढाने और आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएमएस कार्यालय होने से इंवेस्टीगेशन एंजेंसियों को जल्द से जल्द डेटा मिल सकेगा, जिससे अपराध रोकने में मदद मिल सकेगी।
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