कोटा 20 मई। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कास्तकारों की समस्या निराकरण एवं भूमि संबंधी मामलों के समाधान के लिए चलाया जा रहा प्रशासन गांवों के संग अभियान जिले के इटावा उपखण्ड के ग्राम बोरदा के शिविर में शनिवार को 18 खातेदारों की 25 वर्षों से चली आ रही समस्या का निराकरण करते हुए कास्तकारों को बडा तौहफा प्रदान किया।

शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी अंजना सहरावत ने बताया कि पंचायत के ग्राम बांगरोद में प्रशासन गांवों के संग अभियान आयोजित किया जा रहा था। इसी दौरान ग्रामीणों द्वारा बताया कि 138 बीघा जमीन के बंटवारें का प्रकरण 25 वर्षों से लम्बित चला आ रहा है। जिसके कारण एक ही परिवार से कास्तकारों में मनमुटाव बना हुआ है। ग्रामीणों द्वारा भी अनेक अवसरों पर समझाइस का सहमति बनाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। प्रकरण की जानकारी लेकर एसडीएम ने राजस्व कार्मिकों को जमीन के दस्तावेजों की जांच कर सभी कास्तकारों को शिविर में बुलाकर समझाइस की गई।

उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि राजस्व ग्राम बांगरोद में 138 बीघा 14 बिस्वा भूमि 18 खातेदारों के नाम पर रिकॉर्ड में दर्ज थी। सभी खातेदार लगभग 25 सालों से इस भूमि के खाते में विभाजन करवाना चाह रहे थे। लेकिन खातेदारों में आपसी सहमति के अभाव की वजह से जमीन का विभाजन नहीं हो सका। उन्होने बताया प्रशासन गांव संग अभियान में ग्राम पंचायत बोरदा में लगे शिविर में राजस्व विभाग की टीम द्वारा मजमे आम में सभी खातेदारों को बुलाकर दो दिन तक समझाईश की गई जिसके बाद सभी खातेदारों में आपसी सहमति बन गई। उन्होंने बताया कि समझाईश के बाद शिविर में उक्त भूमि का विभाजन शांतिपूर्ण तरीके से नियमानुसार किया गया। सभी खातेदार प्रशासन गांव संग अभियान एवं प्रशासन राजस्व का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि वह बीते कई सालों से वकीलों और कचहरी के चक्कर लगा लगा कर थक गए थे परंतु इस अभियान में प्रशासन की समझाइश और तत्परता के कारण उनकी समस्या का समाधान कैंप में ही हो गया।