रेगिस्तान का जहाज यानि राजस्थान के राज्य पशु ऊंट की पूरी जानकारी अब राजस्थान की पाठ्य पुस्तकों में भी शामिल होगी। अब राजस्थान के पाठ्यक्रम में रेगिस्तान का जहाज भी पढ़ाया जाएगा। राज्य पशु के रूप में ऊंट की पहचान प्रभावी बनाने के लिए पशु मेलों से सम्बन्धित समाचार प्रकाशन, ऊंट की उपयोगिता सम्बन्धित विषय सामग्री एवं लेखन को प्रोत्साहन के साथ-साथ बीमा नियामक आयोग भी ऊंट से सम्बन्धित बीमों को प्रोत्साहन देगा तथा बीमा धारको के प्रत्येक पशु के स्वास्थ्य का रक्षण व मुआवजा भी देगा। राजस्थान में ऊंट के संरक्षण एवं उनकी संख्या वृद्धि के साथ-साथ ऊंट पालक परिवारों की रोजगार वृद्धि के लिए यह कदम सरकार की ओर से तैयार कार्य योजना के तहत उठाया जाएगा।
इस संबंध में पशुपालक कल्याण बोर्ड के सचिव अनिल मच्या ने बताया कि ‘रेगिस्तान की धरती की पहचान ऊंटों से संबंधित जानकारी प्रारम्भिक शिक्षा से ही बच्चों को दी जाने के लिए ऊंट से सम्बन्धित बाल-उपयोगी कहानियों, उनका चित्रण एवं पाठ्यक्रमों में ऊंट से सम्बन्धित अध्याय जोड़े जाने और राज्य पशु की पहचान बनाने के लिए शैक्षिणिक सामग्री का लेखन किया जाएगा।‘ आपको बता दें कि राज्य सरकार ने ऊंटों के प्रजनन को बढ़ाना देने के लिए पहले ही वर्ष 2016 में ऊंट प्रजनन प्रोत्साहन योजना आरम्भ की थी। राजस्थान सरकार के इन प्रयासों से रेगिस्तान का जहाज माना जाने वाला राज्य पशु ऊंट के संरक्षण, प्रजनन और जनसंख्या में समुचित वृद्धि हो रही है।
बोर्ड के सचिव ने आगे बताया कि ‘योजना में पशुपालन विभाग द्वारा ऊंटों के प्रजनन की योजना को अधिक कारगर रूप से लागू कर ऊंटों का शत प्रतिशत बीमा करना तथा घटती जनसंख्या को 3 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत राज्य पशु ऊंट के समुचित संरक्षण और उनकी खाल, बाल, दूध आदि से जुड़े परिवारों के लिए विशेष योजना बनाएगी। साथ ही सस्ती दर पर ऋण, ऊंट के बाल क्रय करने वाली एजेंसियों को रियायती दर पर अनुदान भी मिलेगा। इन सभी प्रयासों से ऊंट के ऊन से बनने वाले वस्त्र उद्योग को प्रोत्साहन मिल सकेगा।’
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