जयपुर। राजस्थान में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है। मौजूदा कांग्रेस सरकार जहां अपने काम की बदौलत फिर से जीत का दावा कर रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी करप्शन जैसे मुद्दे को उठाते हुए सत्ता में वापसी की बात कह रही है। कई सर्वे में भी इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़े मुकाबले की बात सामने आई है। राजस्थान हर बार सत्ता परिवर्तन देखता है, क्या इस बार भी ऐसा ही होगा या यह परंपरा टूटेगी, ये तो तीन दिसंबर को ही साफ होगा। माना जा रहा है कि जीत हार का अंतर काफी करीबी होगा। इसकी वजह नए वोटर हैं। नए वोटर ही इस बार राजस्थान में लगभग हर सीट पर प्रत्याशियों की जीत-हार तय कर सकते हैं।

राजस्थान में विकास का दूसरा नाम वसुंधरा राजे
राजस्थान में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों अपनी अपनी रणनीति में जुट गई है। राजस्थान में विकास किसको कहते हैं इसका बहुत समय बाद परिचय करवाया ऐसी हैं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया… एक तरफ अमित शाह का ये बयान वायरल है। वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे हाईलेवल मीटिंग में पहुंची है।

सी वोटर सर्वे ने पलटा खेल
वसुंधरा बीजेपी आलाकमान की मीटिंग में साइडलाइन की जा रही थी अब वो आज सबसे आगे दिखाई दे रही हैं। अब सवाल खड़ा होता है कि वसुंधरा राजे ने ऐसा क्या किया कि बीजेपी आलाकमान घुटनों पर आ गया। सबसे बड़ी बात अमित शाह ने आखिर क्यों पलटी मारी। इन सबके पीछे एबीपी सी वोटर सर्वे ने खेल कर दिया है।

वसुंधरा ने राजनीतिक पहचान और जनाधार खुद किया तैयार
भाजपा नेताओं में वसुंधरा की छवि एक असाधारण नेता की है। वह अलग राय रखने में नहीं हिचकती हैं। उनकी अपनी पार्टी के कुछ लोग इस बात से असहज हो सकते हैं कि वह एक स्वतंत्र विचार वाली महिला नेता हैं जिनका क्षेत्रीय आधार है। वसुंधरा ने अपनी राजनीतिक पहचान और जनाधार खुद तैयार किया है। उन्होंने पार्टी में वफादारों का अपना समूह बनाया। राजस्थान के वोटरों के साथ उनका विशेष कनेक्शन है, जिनमें से कई उन्हें ‘जाट बहू’ के रूप में देखते हैं। जनसंघ की सदस्य रहीं विजयाराजे सिंधिया की बेटी होने के नाते, उनका भाजपा आलाकमान से रिश्ता अलग रहता है। वह अपनी पार्टी में यूनिक हैं। हिंदी पट्टी की वह एक महिला क्षेत्रीय क्षत्रप हैं।

वसुंधरा राजे ने कार्यकर्ताओं और आमजन से मुलाकात कर चर्चा की
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को जयपुर आवास पर कार्यकर्ताओं, आमजन और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है। वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर लिखा कि ‘आज जयपुर आवास पर कार्यकर्ताओं, आमजन और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की तथा उनके विचार जाने। आपका एक-एक सुझाव मेरे लिए महत्त्वपूर्ण है।

5.26 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार राजस्थान में कुल मतदाताओं की संख्या 5.26 करोड़ है। इसमें महिला मतदाता 2.15 करोड़ तो पुरुष मतदाता 2.73 करोड़ हैं। इन आंकड़ों में सबसे खास बात नए वोटर हैं, जिनकी संख्या करीब 22 लाख 20 हजार है। इसे विस्तार से देखें तो इस बार विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर करीब 5 से 14 हजार नए वोटर जुड़े हैं।

राजस्थान में कितनी विधानसभा सीटें हैं?
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। पिछली बार हुए चुनाव में कांग्रेस ने 108, जबकि भाजपा ने 70 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को तीन और भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, 13 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत हासिल करने में सफल रहे।