राजस्थान में 29 जनवरी को तीन सीटों पर होने वाले उपचुनावों में जीत के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने कमर कस ली है। इसी बीच कांग्रेस ने मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर पार्टी के दो बागी नेताओं को निष्कासित कर दिया है। दरअसल, भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं देने से नाराज पार्टी के दो नेताओं ने निर्दलीय के रूप में नामांकन कर दिया था। नाम वापस लेने की अंतिम तारीख़ 15 जनवरी तक नाम वापस नहीं लेने के कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने बागी गोपाल मालवीय और महावीर शर्मा को पार्टी से 6 साल के निष्कासित कर दिया है।
मांडलगढ़ सीट पर कांग्रेस की और बढ़ी मुश्किलें
मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने दो बगावती नेताओं को पार्टी से भले ही बाहर कर दिया हो, लेकिन इससे कांग्रेस की मुश्किलें कहीं से भी कम नहीं हुई है। कांग्रेस अब मुकाबले में बेहद कमजोर नज़र आ रही है। कांग्रेस ने पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय और महावीर शर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कांग्रेस के बागी मालवीय विधायक पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेेंगे। जातिगत समीकरण देखते हुए कांग्रेस को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मैदान में कांग्रेस के दो बागी होने से अब कांग्रेस पर सीधा—सीधा हार का खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस की और से पार्टी के दोनों बागी नेताओं को मनाने के लिए प्रदेश हाईकमान के किसी नेता ने मुलाकात नहीं की हैं।
कांग्रेस के बागियों ने उपचुनाव में बीजेपी की जीत की सुनिश्चित:
प्रदेश के भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस से बगावत करने वाले दो नेताओं के मैदान में डटे होने से बीजेपी की जीत आसान नज़र आ रही है। वहीं, बागी नेताओं ने कांग्रेस खेमें में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने मांडलगढ़ सीट पर 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार से बुरी तरह मात खाने वाले विवेक धाकड़ को ही अपना उम्मीदवार बनाया। इस वजह से पार्टी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी नाराज हैं। बीजेपी ने इस सीट के लिए उपचुनाव में भीलवाड़ा के वर्तमान जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की आपसी खिंचतान से बीजेपी प्रत्याशी की जीत तय लग रही है।
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दोनों प्रमुख पार्टियों के लिए सेमीफाइनल है ये उपचुनाव:
राजस्थान में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा की 200 सीटों पर चुनाव होने हैं। ऐसे में उपचुनाव में जीत दर्ज कर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त बनाना चाहती है। इसलिए चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। दोनों की दलों के लिए यह उपचुनाव आगामी विधानसभा चुनाव से पहले किसी सेमीफाइनल से कम नहीं है। बता दें, राजस्थान में कुल 3 सीटों पर 29 जनवरी को उपचुनाव होने जा रहे हैं। इनमें अलवर व अजमेर लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट शामिल है। इन उपचुनावों के नतीजे 1 फरवरी, 2018 को आने हैं।