जयपुर। 15वीं राजस्थान विधानसभा का 8वां सत्र सोमवार शुरू हो गया है। विधानसभा में आज सबसे पहले 11 बजे राज्यपाल कलराज मिश्र का अभिभाषण हुआ। सदन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायक नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के नेतृत्व में पेपर लीक मामले में सीबाआई जांच की मांग कर रहे हैं। पहले दिन अभिभाषण और शोकाभिव्यक्ति प्रस्ताव के बाद सदन की बैठक 24 जनवरी सुबह 11 बजे तक स्थगित हो गई।

अकेले नजर आए सतीश पूनिया
अशोक गहलोत सरकार का यह आखिरी बजट सत्र है। विधानसभा के पहले दिन अलग ही नजारा देखने को मिला है। सूबे की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की लोकप्रियता के आगे सतीश पूनिया अकेले पड़े नजर आए। सदन में जैसे ही राजे पहुंचीं तो सभी बीजेपी नेता उनके पास आ गए। सभी मैडम के चारों तरफ से घेरकर से बातचीत करने लग गए। वहीं, प्रदेश के बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया अकेले खड़े नजर आए।

अभिभाषण बीच में छोड़ चले गए राज्यपाल
बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष कटारिया भाषण के बीच में ही खड़े होकर हंगामा करने लगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा हैं। आप पर संविधान की रक्षा का दायित्व है, ऐसे कैसे चलेगा। इसके बाद सभी बीजेपी विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। बीजपी विधायकों ने पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए तख्तियां लहराई।

हंगामा होने के आसार
मौजूदा सरकार का यह आखिरी बजट है जो हंगामेदार रहेगा। भाजपा ने सरकार को घेरने के लिए पेपर लीक और कानून-व्यवस्था समेत अन्य कई मुद्दों पर अपनी तैयारी कर रखी है। वहीं, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने जिस तरह से विशेषाधिकार हनन का मामला विधानसभा में पेश किया है, उससे विधायकों के इस्तीफे को लेकर भी सदन में हंगामा होने के आसार बने हैं। सरकार ने भी जवाब देने के लिए अपने मंत्रियों को पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है।

राइट टू हेल्थ सहित 8 विधेयक होंगे पेश
विधानसभा में गहलोत सरकार करीब आठ विधेयक ला सकती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तो बजट सत्र का अनिवार्य हिस्सा यानी वित्त विधेयक रहेगा। इसके साथ ही विनियोग विधेयक भी लाया जाएगा। सरकार राइट टू हैल्थ बिल यानी स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए भी कानून बनाने की तैयारी कर रही है। इस बिल को पिछले सत्र में प्रवर समिति को सौंपा गया था। यह बिल भी इसी सत्र में लाया जा सकता है।