बुद्ध पूर्णिमा पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित एक सेमिनार में राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जसबीर सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध ने आज से 2500 वर्ष पूर्व जो करूणाए प्रेम एवं अष्टांग मार्ग का दर्शन दिया था, वह आदर्श आज के युग में भी प्रासंगिक है। इनको अपनाने से ही जीवन सार्थक होगा। सिंह गुरूवार को शासन सचिवालय में त्रिगुण पावन आयोजित सेमिनार में ‘एक संवाद-भारतीय समाज में चुनौतियों के संदर्भ में भगवान बुद्ध के संदेश’ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
जसबीर सिंह ने कहा बुद्ध ऎसे युग पुरूष है जिनके आदर्श भारत सहित विश्वभर में फैले है। आज जहां सम्पूर्ण विश्व में भौतिकवाद बढ़ रहा है, वहीं 65 से अधिक देशों ने आज भी बुद्ध धर्म की शिक्षाओं को जीवन में अपनाया हुआ है। ‘एक संवाद’ कार्यक्रम के माध्यम से हम महापुरूषों को याद कर उनके आदर्शों को अपना कर जीवन सार्थक कर सकते है। उन्होंने इस मौके पर सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह् भेंट किये।
बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में मुख्य वक्ता के रूप में आये युथ बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया, जयपुर के भिक्षु कश्यपजी आनन्द ने बुद्ध के जीवन के वृन्तांत सुनाते हुए उनके आदर्शों का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि जीवन में यदि दुख है तो उसके निवारण का कोई न कोई मार्ग भी जरूर होगा। राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीकमचन्द बोहरा ने बताया कि बोद्ध धर्म वैदिक धर्म से ज्यादा प्राकृतिक एवं तार्किक है।
राजस्थान विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. निक्की चतुर्वेदी ने भगवान बुद्ध के चार आर्य सत्यों के बारे में बताया और कहा इन्हें जीवन में उतारने से आनन्द की प्राप्ति होती है। बुद्ध पूर्णिमा कार्यकम में राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य मुनव्वर खान, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग की सचिव काश्मी कौर रॉन एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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