जयपुर। 21 वीं सदी में नारी शक्ति के पूजन के दौर में रुढि़वादी सामाजिक परंपरा के नाम पर महिलाओं के साथ घिनौना कृत्य किया जा रहा हैं। ऐसा ही एक मामला भीलवाड़ा जिले में सामने आया है, जहां पर कौमार्य परीक्षण के नाम पर विवाहिता युवती को प्रताडि़त किया गया। शर्मनाक यह भी है कि खाप पंचायत ने दस लाख का जुर्माना लगाकर पीडि़ता के जख्म पर नमक छिड़कने का काम कर दिया। शहर की युवती से जुड़े मामले में पुलिस ने ससुराल पक्ष एवं खाफ पंचायत में शामिल सदस्यों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जरूरी नहीं वर्जिनिटी में युवती पास हो। खेलने-कूदने या चोट लगने पर वर्जिनिटी का लोस हो सकता है।
पीड़िता का शादी से पहले हुए था रेप
मांडल पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पीड़िता की शादी बीते 11 मई को हुई थी। शादी के बाद उनके समाज की कुकड़ी प्रथा के तहत उसका वर्जिनिटी टेस्ट किया गया था। उसमें वह खरी नहीं उतर पाई। विवाहिता से जब परिजनों ने पूछताछ की तो सामने आया कि शादी से पहले उसके पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उसका रेप किया था।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू
इसका मामला सुभाष नगर थाने में दर्ज है। बाद में पीड़िता ने कुकड़ी प्रथा और उसके साथ हुए दुर्व्यवहार की पुलिस को शिकायत की। इस मामले की जांच चल रही है। इसकी जांच मांडल के सीओ सुरेंद्र कुमार कर रहे हैं।
पंचायत ने लगाया 10 लाख रुपये का जुर्माना
बताया जा रहा है कि विवाहिता के वर्जिनिटी टेस्ट के बाद उसके साथ पूर्व में हुए रेप की बात सामने आ गई थी। इसके बाद बागोर के भादू माता मंदिर में समाज की पंचायत बैठी। इसकी शिकायत पुलिस को मिलने के बाद उसने विवाहिता के ससुराल पक्ष और समाज के पंचों को आगाह भी किया था। लेकिन इसके बावजूद 31 मई को फिर से पंचायत रखी गई। उसमें पीड़िता के पीहर पक्ष को 10 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर देने का आदेश दिया गया।
कुप्रथा से कई लड़कियों हो चुकी है जिंदगी खराब
पीड़िता का आरोप है कि सब कुछ पता चलने के बाद भी ससुराल पक्ष की ओर से समाज की पंचायत बिठाई गई। पंचायत ने उसके पीहर पक्ष पर शुद्धिकरण अनुष्ठान के नाम पर 10 लाख रुपये जुर्माना लगा दिया गया। विवाहिता का आरोप है कि पिछले पांच माह से उसे जुर्माना राशि के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर अब उसने पुलिस की शरण ली है। बताया जा रहा है कि कुकड़ी प्रथा के चलते जिले में कई लड़कियों की जिंदगी खराब हो चुकी है। कई बेटियां इस प्रथा के बाद की प्रताड़नाओं से तंग आकर सुसाइड भी कर चुकी हैं।
वर्जिनिटी टेस्ट पर डॉक्टरों की क्या है राय
भीलवाड़ा एमजीएच, मेडिकल ज्यूरिष्ठ डॉ, अनुपम बंसल का कहना है कि वर्जिनिटी टेस्ट गलत है। सम्भव नहीं है कि टेस्ट में विवाहिता पास हो। खेलते-कूदते समय या चोट लगने पर वर्जिनिटी टेस्ट में रक्तस्त्राव होना जरूरी नहीं है। यह कुप्रथा है। इस आधार पर महिला व युवतियों पर शक नहीं किया जा सकता। वहीं भीलवाड़ा एमसीएच, स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ सपना पंवार कहा कहना है कि वर्जिनिटी का लोस कई कारणों से हो सकता है। जरूरी नहीं है कि पहले से सम्बंधों का कारण बने। खिलाड़ी के लिए तो यह बिल्कुल सम्भव नहीं है। जन्मजात हॉर्मोन की कमी या कोई चोट लगने से भी वर्जिनिटी का लोस हो सकता है। यह कुप्रथा है। इससे विवाहिता शर्मसार होती है। इसे समाज को एकजुट होकर खत्म करने की जरूरत है।