बीजेपी की परिवर्तन यात्रा बांरा से अकलेरा के कलमोदिया चौराहे पर पहुंची, यहां से यात्रा ने झालावाड़ में प्रवेश किया, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि यात्रा स्थानीय विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बिना झालावाड़ पहुंची। यात्रा दो दिन तक यहां पर रहेगी। लेकिन राजे के शामिल होने का कोई संकेत अभी तक नहीं हैं।
वसुंधरा राजे का यात्रा में शामिल होने का कार्यक्रम भी पार्टी ने जारी किया था, लेकिन राजे के शामिल नहीं होने पर उनके समर्थकों में काफी मायूसी है। कार्यकर्ताओं में वह उत्साह नहीं दिख रहा है जो आम तौर पर उनके साधारण दौरे पर ही देखने को मिल जाता था। वसुंधरा राजे सिंधिया के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह इस बार झालावाड़ जिले में भाजपा की यात्रा को लेकर पहुंचे। पिछली सभी यात्राओं में वसुंधरा राजे की मौजूदगी के चलते जौरदार उत्साह देखने को मिला था जो इस बार काफी कम रहा है।
वसुंधरा राजे के नहीं आने से यात्रा में भीड़ भी काफी कम पहुँच रही है। साथ ही स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में भी निराशा का माहौल नजर आ रहा है। हालांकि यात्रा की कमान इस बार वसुंधरा राजे सिंधिया के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के हाथ में है, जिनका कहना है कि राजे फिलहाल यात्रा में अपनी व्यस्तता एवं निजी कार्यक्रमों के चलते नहीं पहुंच पाई। उन्होने आगे कहा कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में कांग्रेस को उखाड़ देगी। वहीं मनोहर थाना विधायक गोविंद रानी पुरिया और कार्यवाहक अध्यक्ष संजय जैन आधिकारिक तौर पर बताया कि राजे किसी आवश्यक कार्यक्रम के चलते यात्रा में नहीं पहुंच पाई हैं किंतु सभी कार्यकर्ता उनके सानिध्य में पूरे उत्साह के साथ काम कर रहे हैं।
बीजेपी द्वारा वर्ष 2003 से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 4 यात्राएं निकाली गईं, जिनमें से 3 की कमान राजे के हाथों में रही। 2003 में राजसमंद के चारभुजा मंदिर से यात्रा शुरू हुई, जिसने 13000 किलोमीटर का सफर तय किया और प्रदेश में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। 2013 में सुराज संकल्प यात्रा निकाली गई और एक बार फिर से प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई और वसुंधरा राजे ही सीएम बनीं। भाजपा ने हाडोती में शानदार जीत हासिल की। झालावाड़ जिले में यात्रा के दौरान इस बार वसुंधरा राजे सिंधिया की मौजूदगी नहीं है जो कहीं ना कहीं यात्रा को प्रभावित कर रही है।