राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के लिए बीजेपी चार दिशाओं से चार परिवर्तन यात्राएं निकाल रही है। ये यात्राएं 9 हजार किलोमीटर का सफर तय करेंगी। यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ यात्रा का शुरुआती बिंदु या मुख्य चेहरा था।

भले ही बीजेपी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन चारों दौरों में वसुंधरा राजे की जोरदार मौजूदगी रही। यह साफ तय हो गया है कि अगर चुनाव में बीजेपी सत्ता में आती है तो वसुंधरा राजे ही राजस्थान की मुख्यमंत्री बनेंगी। परिवर्तन यात्रा के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर सक्रिय नजर आईं। वहीं केंद्रीय नेतृत्व ने भी राजे को पूरी तवज्जो दी। हर दौरे के दौरान राजे का भाषण केंद्रीय नेता के सामने हुआ।

परिवर्तन यात्रा के दौरान जनसभा के बाद राजे भी केंद्रीय नेताओं के साथ रथ पर सवार हुईं। हर जगह, चाहे वह जेपी नड्डा हों, अमित शाह हों, राजनाथ सिंह हों या नितिन गडकरी हों, सभी ने राजे को पूरी तवज्जो दी। सवाई माधोपुर में जब राजे रथ पर सवार होकर पीछे रह गईं तो जेपी नड्डा ने उनका इंतजार किया। इसी तरह जब राजे बेणेश्वर धाम में रह गईं तो शाह ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से राजे को बुलाने के लिए कहा।

इन चारों केंद्रीय नेताओं ने अपने भाषण में वसुंधरा राजे और उनके कार्यकाल की तारीफ भी की। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दौरों से पार्टी में राजे का कद बढ़ गया है। जिस तरह से गडकरी ने वसुंधरा सरकार के काम गिनाए हैं और एक और मौका देने की अपील की है। इसे राजे को मौका देने की अपील से जोड़कर देखा जा रहा है।