जयपुर। राजस्थान में राज बदलने की परंपरा कायम रही। रविवार को विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाती नजर आ रही है। राजस्थान में बीजेपी ने दमदार वापसी की है। चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी को 115 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को 69 सीटें मिली हैं। भारत आदिवासी पार्टी के खाते में तीन सीटें आई हैं। मायावती की बसपा को दो सीटें रालोद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को एक-एक सीट मिली हैं जबकि आठ निर्दलीय चुनाव में जीते हैं। अब राज्य में नए मुख्यमंत्री का चयन दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक में होगा।
दिल्ली बैठक में तय होगा सीएम का नाम
राजस्थान में बीजेपी की बंपर जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में बीजेपी ऑफिस पहुंच गई है। वसुंधरा ने झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल चोहान को 53193 वोटो से हरा दिया है। अब राज्य में नए मुख्यमंत्री का चयन दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक में होगा।
वसुंधरा राजे को ही लेनी चाहिए सीएम पद की शपथ
राजस्थान में बीजेपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। माना जा रहा है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का तीसरी बार प्रदेश की कमान दी जा सकती है। चुनाव से पहले भी इस बार को कई बार दोहराया गया था। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद एक बार फिर से मैडम को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जा रही है। पिंडवाड़ा से जीते भाजपा विधायक समाराम गरासिया का कहना है कि वसुंधरा राजे को ही सीएम पद की शपथ लेनी चाहिए।
सबसे कद्दावर नेताओं में से एक हैं वसुंधरा राजे
आपको बता दें कि वसुंधरा राजे राजस्थान में बीजेपी की सबसे कद्दावर नेताओं में से एक हैं। उनका सियासी ग्राफ पूरे प्रदेश में है। प्रदेश की जनता में राजे की पकड़ है। वसुंधरा राजे का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे नजर आ रहा है। दो बार सीएम रह चुकीं मैडल के अच्छा अनुभव है। उनके मुकाबले प्रदेश में कोई नेता है।
बीजेपी वोटिंग परसेंटेज में जबरदस्त बढ़ोतरी
राजस्थान में पिछले कई सालों चला आ रहा रिवाज इस बार भी कायम रहा है। इस बार चुनाव में बीजेपी ने 41.69 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। वहीं, कांग्रेस को 39.53 फीसदी वोट मिले हैं। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करे तो 2018 में बीजेपी को 38.77 प्रतिशत और कांग्रेस को 39.30 प्रतिशत वोट मिले थे। 2018 में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, बीजेपी के खाते में 73 सीटें मिली। अन्य को 27 सीटों पर जीत मिली थी।