राजस्थान एकमात्र ऐसा प्रदेश माना जाता है जहां पर हर 5 साल में सरकार बदलती है। पिछले कुछ वर्षों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो साफ तौर पता चलता है कि एक बार राज्य में बीजेपी का शासन रहा है तो दूसरी बार कांग्रेस का। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें है। वर्ष 2003 में भाजपा, 2008 में कांग्रेस और 2013 में भाजपा की सरकार बनीं। अब आगामी चुनाव इस साल 2018 के अंत में होने वाले है। ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि अबकी बार सरकार उनके नेतृत्व में ही बनेगी। हर पांच साल में कार्यकाल पूरा होने के बाद होने वाले चुनावों में कांग्रेस या भाजपा, दोनों में से एक पार्टी सत्ता पर काबिज हो जाती है।
5 साल में प्रदेश का संपूर्ण विकास संभव नहीं
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार राजस्थान में एक सरकार 10 साल यानि दो कार्यकाल के लिए सत्ता में क्यों नहीं रह पाती। प्रदेश के दीर्घकालीन विकास के लिए जरूरी है कि जनता द्वारा सरकार को लगातार दूसरा मौका दिया जाना चाहिए। क्योंकि जब सरकार बदलती है तो नई पार्टी पूर्ववर्ती सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देती है। जिससे एक तो योजनाओं में लगा जनता का पैसा व्यर्थ हो जाता है और विकास कार्यों पर भी विराम लग जाता है। अन्य राज्यों की बात की जाए तो वहां किसी एक ही सरकार का शासन लगातार चल रहा है तो वो राज्य विकसित श्रेणी में शामिल हो जाता है। सरकार की विकासशील व कल्याणकारी योजनाओं का कम से कम 10 साल तक चालू रखना काफी जरूरी है ताकि इसका लाभ सम्पूर्ण जनता को बेहतर रूप से मिल सके।
मौजूदा राजे सरकार को मिलना चाहिए दूसरा मौका
प्रदेश में सरकार अच्छा काम कर रही है या नहीं, इसका फैसला जनता को करना चाहिए। अगर राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार की बात की जाए तो विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाएं हर वर्ग के लिए संचालित की जा रही है। भामाशाह योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, राशन वितरण, जल स्वावलंबन अभियान, राजश्री योजना, अन्नपूर्णा भंडार सहित कई योजनाओं के जरिए आमजनों को लाभान्वित किया जा रहा है। आम लोगों का कहना है कि उन्हें मौजूदा सरकार की विभिन्न योजनाओं से काफी फायदा मिला है। ऐसे में दीर्घकालिक रूप से इनके संचालन के लिए आवश्यक है कि मौजूदा वसुंधरा राजे सरकार को दोबारा मौका मिलना चाहिए।
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