राजस्थान समेत 4 राज्यों में इसी वर्ष के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर देश के करीब 70 प्रतिशत राज्यों पर शासित बीजेपी ने अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीतियों पर जमकर काम कर रही है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी अब अगले कदम के रूप में ऐसे प्रवक्ताओं को तैयार कर रही है जो बेहद सधी हुई और संयमित भाषा में विरोधियों के आरोपों का जवाब देंगे। भाजपा के प्रवक्ताओं के जवाब इस तरह से होंगे कि इससे पार्टी के पक्ष में सकारात्मक माहौल भी बनाया जा सके। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी हर मोर्चे पर विपक्षियों को जवाब देने की कोशिश करेगी।
भाजपा के मीडिया प्रभारियों को दिए जा रहे हैं खास टिप्स
भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में प्रवक्ताओं के दम पर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश में जुटी हुई है। अपनी रणनीति के तहत मीडिया प्रभारियों को लगातार खास टिप्स दिए जा रहे हैं। कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। भाजपा प्रवक्ताओं को बताया जा रहा है कि कब, कहां और कैसे बोलना है। कब, कहां, किसे और किस भाषा जबाव देना है। बीजेपी विधानसभा, जिले और संभाग स्तर के प्रवक्ताओं को जवाब देने के लिए पूरी तैयारी करवा रही है। इसको लेकर एक दिन पहले ही भाजपा मुख्यालय पर पार्टी की प्रदेश स्तरीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय प्रभारी अनिल बलूनी ने मीडिया प्रभारियों को चुनावी माहौल के लिए जरूरी टिप्स दिए।
राजनीतिक लड़ाइयां मीडिया के माध्यम से होंगी: प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने इस मसले पर कहा कि अब राजनीतिक लड़ाइयां मीडिया के माध्यम से होंगी। इसमें मीडिया की बड़ी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आरोप प्रत्यारोप तो राजनीति में लगते रहते हैं। आरोप का जबाव भी उसी तरह दिया जाना चाहिए, लेकिन उसकी भाषा संयमित होनी बेहद जरूरी है। सैनी ने कहा कि भाषा मर्यादित भी हो इन्हीं बातों के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार किया जा रहा है।
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इससे पहले भी दिए जा चुके हैं भाजपा प्रवक्ताओं को टिप्स
भाजपा आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर किसी भी जरूरी पहलू को छोड़ना नहीं चाहती है। इसके लिए बारी-बारी से सभी पहलुओं पर फोकस कर उसके लिए कार्यकर्ताओं को तैयार किया जा रहा है। इससे पहले बीजेपी ने सितंबर माह के अंत तक होने वाले विभिन्न वर्गों के सम्मेलनों के लिए भी प्रवक्ताओं को जरूरी टिप्स दिए थे। टिप्स की जरूरत इसलिए भी है कि किसी भी प्रवक्ता की जुबान से कोई ऐसी वैसी बात नहीं निकल जाए तो बाद में पार्टी के लिए गले की फांस बन जाए। इन सबको ध्यान में रखकर ही पार्टी प्रवक्ताओं को तैयार कर रही है।