जयपुर। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में पहली बार मानसून से पहले बाढ़ जैसे हालात हैं। चार दिन में चक्रवात बिपरजॉय से कई इलाकों में इतना पानी बरसा कि मानसून सीजन का कोटा पूरा हो गया। बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बीते 24 घंटे में पाली के मुठाना में 530 मिमी यानी 21.3 इंच बारिश हो चुकी है। तूफान की बारिश ने 105 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारी बारिश के कारण कई गाड़ियां और लोग पानी के बहाव में बह गए। बिपरजॉय ने बाड़मेर का नक्शा बिगाड़ डाला, हवा में रेलवे ट्रैक झूल गया।
8 की मौत, सैंकड़ों गांवों की बिजली गुल
पाली में भी 12 इंच बारिश हुई। बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा के सैकड़ों गांवों में बिजली गुल है। अब तक राज्य में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने कोटा, बारां-सवाई माधेपुर में मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, मंगलवार दोपहर बाद जयपुर में भी तेज बारिश का दौर शुरू हुआ।
बाड़मेर में फंसे 46 लोगों को किया रेस्क्यू
बाड़मेर में बिपरजॉय चक्रवर्ती तूफान के दौरान जिलेभर में हुई तेज तूफानी बारिश से सुकड़ी, लूणी व बांडी नदी में पानी की आवक बढ़ने से तीनों ही नदियां अपने तेज वेग में चल रही है। खेतों में कई परिवार नदी के बीच में फंस गए। देर रात पुलिस व प्रशासन सहित एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंची और लोगों को नदी से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह ट्रैक्टर की सहायता से एसडीआरएफ की टीमों ने खेतों में फंसे 46 लोगों को सुरक्षित पानी के बाहर से बाहर निकाला गया।
हवा में झूल गया रेलवे ट्रैक
बाड़मेर में हुई भारी से भारी बारिश के कारण जिले के कई गांव जलमग्न हो गए। रेतीले धोरों में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आने लग गया। भारी बारिश के कारण बाड़मेर शहर समेत सेडवा, धनाऊ, बालोतरा और अन्य स्थानों पर बाढ़ के हालात पैदा हो गए। भारी बारिश से गिरे बेशुमार पानी से हुए मिट्टी के कटाव के कारण कई जगह रेलवे ट्रैक हवा में झूल गए।
अजमेर में 105 साल और जोधपुर में 12 साल का रिकॉर्ड टूटा
चक्रवात से अजमेर में बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। यहां 17 जून 1917 में 119.4 मिमी बरसात एक ही दिन में हुई थी, जो अब तक जून में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड था। यह 19 जून को टूट गया। अजमेर में 18 जून की सुबह 8:30 से 19 जून 8:30 तक 24 घंटे के दौरान 131.8 मिमी बरसात दर्ज हुई। इसी तरह, जोधपुर में भी 12 साल का रिकॉर्ड टूटा है। यहां 17 जून को 91.3 मिमी पानी गिरा, जबकि इससे पहले 28 जून 2016 में करीब 74 मिमी बरसात हुई थी।
सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को बिपरजॉय चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने चौहटन और सांचौर पहुंचे। सांचौर में गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया, जिसके बाद डाक बंगले में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा तूफान और बाढ़ को देखते हुए हमने 25 टीमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की लगा रखी है। टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बेहतर काम किया।
सर्वे करवाकर दिया जाएगा मुआवजा
सीएम ने कहा कि बाढ़ की वजह से कच्चे मकान बहुत ज्यादा टूटे हैं। कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाएगा। गहलोत ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के नियम बने हुए हैं। उसके कारण समय पर मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पत्र लिखा है कि नियमों को बदला जाए, ताकि सभी को तुरंत मुआवजा मिल सके। गहलोत ने कहा कि सर्वे करवाकर सभी को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।