जयपुर। राजस्थान के जयपुर में पेपर लीक केस को लेकर बड़ा एक्शन देखने को मिला है। सोमवार 9 जनवरी को जयपुर में एक कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग को बुलडोजर की मदद से जमींदोज कर दिया गया है। जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से ये कार्रवाई की गई है। जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी का कहना है कि बिल्डिंग को अतिक्रमण करके बनाया गया था। जयपुर के रिद्धि-सिद्धि इलाके में अधिगम कोचिंग सेंटर पर जयपुर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया है।

अधिगम कोचिंग इंस्टिट्यूट पर चला बुलडोजर का पंजा
जेडीए एनफोर्समेंट टीम सोमवार सुबह 7:30 बजे से जयपुर के जोन-05 एरिया में गुर्जर की थड़ी, गोपालपुरा बायपास मुख्य रोड पर पहुंच गई। जहां शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस के मुख्य आरोपियों की ओर से चलाए जा रहे ‘अधिगम कोचिंग इंस्टिट्यूट’ की बिल्डिंग पर बुलडोजर का पीला पंजा चलाया गया।

 3 जेसीबी, 12 लोखंडा, 3 ड्रिल, 2 कटर, 1 पोकलेन सहित 50 पुलिसकर्मी पहुंचे
नोटिसों का जवाब तय टाइम पीरियड तक भी नहीं मिलने पर लीगल प्रोसेस अपनाकर और और ऑथोराइज स्तर पर परमिशन लेकर अवैध कॉमर्शियल बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया। 1 पोकलेन मशीन, 3 जेसीबी मशीन, 12 लोखंडा मशीन, 3 ड्रिल, 2 कटर और मजदूरों की सहायता से बिल्डिंग गिराने की कार्रवाई की गई। मौके पर जीडीए के चीफ कंट्रोलर एनफोर्समेंट, सभी सब-कंट्रोलर्स, जोन -5 के डिप्टी कमिश्नर, सभी एनफोर्समेंट ऑफिसर एनफोर्समेंट टीम, इंजीनियरिंग टीम, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट से मानसरोवर एसीपी और थानाधिकारी, 50 पुलिस वालों का ज़ाब्ता मौके पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई में शामिल रहे।

नोटिस देने के 3 दिन बाद हुई कार्रवाई
जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी का कहना है कि आवासीय भूखंडों पर जोरो सेटबेक्स पर इमारत खड़ी थी। रोड सीमा पर अवैध कब्जे-अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई। तीन दिन पहले नाप-जोख करके JDA ने नोटिस दिया गया था। बता दें कि जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बिल्डिंग के मालिक अनिल अग्रवाल, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण और धर्मेंद्र चौधरी सहित चार कोचिंग संचालकों को नोटिस धारा 32 और 72 एक्ट के तहत दिया था।

पेपर लीक केस में पुलिस ने 55 लोगों को किया था गिरफ्तार
बता दें कि दिसंबर में ग्रेड-2 शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 37 अभ्यर्थियों सहित कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे। पुलिस ने बताया कि एक स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश विश्नोई, एमबीबीएस छात्र भजनलाल और रायता राम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि कोचिंग सेंटर के संचालक सुरेश ढाका का नाम भी सामने आया है, लेकिन वह गिरफ्तारी से बच रहा है।

46 कैंडिडेट्स के ताउम्र परीक्षा देने पर रोक
एसपी विकास शर्मा ने बताया कि द्वितीय श्रेणी भर्ती परीक्षा के संबंध में 23 दिसंबर को दो मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद 57 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपियों पर एक्शन के साथ ही राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से अनुरोध किया गया था कि सभी 46 परीक्षार्थियों के आजीवन भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगाई जाए। इसके बाद चयन बोर्ड ने इन 46 परीक्षार्थियों के भर्ती परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी है।

10 लाख रुपये में हुआ था सौदा
राजस्थान एसओजी और पुलिस की टीमों ने पेपर लीक होने की गुप्त सूचना पर परीक्षार्थियों से भरी एक प्राइवेट बस को बेकरिया थाना क्षेत्र में रोका था। बस में यात्रा कर रहे परीक्षार्थियों के पास परीक्षा से पहले पेपर पहुंच गया था। जांच में 37 परीक्षार्थी लीक हुए पेपर के साथ पाए गए और मास्टरमाइंड सहित सात लोग अन्य डिवाइज के साथ मिले थे। ये सभी जालोर जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड और स्कूल के वाइज प्रिंसिपल सुरेश विश्नोई ने पेपर उपलब्ध कराने के एवज में 10 लाख रुपये परीक्षार्थियों से लिए थे।