राजस्थान सरकार के साथ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किसानों के उत्थान और कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में तेजी के साथ काम कर रही हैं ताकि काश्तकारों के जीवन में बदलाव आ सके। राजस्थान सरकार की कल्याणकारी कृषि योजनाओं से किसानों को संबल दिया जा रहा है ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार आए और उनके खेतों की मिट्टी फसलें नहीं बल्कि सोना उगलें। राजस्थान सरकारी की कई योजनाओं का लाभ किसानों का दिया जा रहा है जिसके कारण उनकी तकदीर एक ही झटके में बदल गई। भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ऎसी महिला काश्तकारों की कमी नहीं है, जिन्होंने सरकार की इन लाभकारी कृषि योजनाओं का दामन थामा और खेत-खलिहानों से सम्पन्नता पाने का सफर पा लिया है। इन्हें देखकर आसपास के किसान भी सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ पाने के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसी ही एक सफल कहानी हे भूली बाई धाकड़ की। भूली बाई भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कास्या गांव की प्रगतिशील महिला काश्तकार हैं। राजस्थान सरकार की फलदाई कृषि योजना का लाभ लेकर अब उनके जीवन में आने वाला बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता है।
भूली बाई धाकड़ ने कृषि विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत लाभ लिया और खेती-बाड़ी को आसान बनाया। भूली बाई के पास 7 बीघा कृषि भूमि है जिसमें सिंचाई के लिए कुंआ है। कूंए से सिंचाई के काम में सबसे ज्यादा परेशानी यह थी कि पहले बिजली आपूर्ति रात को होने से सिंचाई के लिए रात्रि को खेत में आना पड़ता था। रात के अंधेरे में जहरीले और जंगली जानवरों का भय और खतरा हमेशा बना रहता था। इसी समस्या के चलते भूली बाई ने कृषि विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2016-17 में जल हौज का निर्माण कराया। इस पर भूली बाई को 32 हजार रुपए की अनुदान राशि स्वीकृत हुई। अब रात को जल हौज पानी से भर दिया करती हैं तथा दिन में फुरसत के समय खेत में सिंचाई। सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से सिंचित क्षेत्र भी बढ़ा है तथा इससे खेत की उत्पादन क्षमता का भी विस्तार हुआ है।
भूली बाई धाकड़ राजस्थान सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में बताती है कि ‘वसुंधरा सरकार ने उसकी सारी परेशानियां दूर कर दी हैं। अब उसकी किसानी पहले से अधिक आसान और समस्यामुक्त हो गई है।’
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