भरतपुर,13 फरवरी। भरतपुर के 290वें स्थापना दिवस पर लोहागढ विकास परिषद एवं जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किये जा रहे सात दिवसीय कार्यक्रमों के तहत यातायात चौराहे एवं किशोरी महल के सामने लगी वीर शिरोमणी महाराजा सूरजमल की प्रतिमाओं के समक्ष पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह एवं तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने पुष्पांजलि अर्पित की बाद में किशोरी महल के सामने प्रबुद्वजन संगोष्ठी का आयोजन पूर्व सांसद पंडित रामकिशन के मुख्य अतिथ्य में हुआ जिसकी अध्यक्षता तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने की।

संगोष्ठी में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने भरतपुर के इतिहास को गौरवशाली बताते हुये भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल के शूरवीरतापूर्ण कार्य, सामाजिक सद्भाव एवं भाईचारे को पूरा देश जानता है। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल ने वीरता एवं अपने शौर्य से कभी भी विदेशी आक्रांताओं को भतरपुर में प्रवेश नहीं करने दिया ऐसे शिरोमणी जानकारी भावी पीढी को देनी होगी ताकि वे भी उनकी सामाजिक समरसता एवं भाईचारे की भावना का अनुसरण कर सकें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें मिलकर भरतपुर के विकास को गति देने की आवश्यकता है इसके लिये सकारात्मक सोच विकसित करनी होगी।

डाॅ. गर्ग ने भरतपुर के विकास कार्याें की चर्चा करते हुये कहा कि हाल ही में पेश किये गये बजट में भरतपुर सहित अलवर को चम्बल पेयजल उपलब्ध कराने के लिये 5700 करोड रूपये की एक और योजना स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि ऐसी संगोष्ठियों में प्रबुद्वजनों को भी शामिल होकर भरतपुर के विकास के संबंध में सुझाव देने होंगे । उन्होंने बताया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है किन्तु प्रधानमंत्री ने इस महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकार अवश्य किया है। उन्होंने बताया कि यमुना नदी के जल बंटवारे का पूरा हिस्सा भी भरतपुर को नहीं मिल रहा है। डाॅ. गर्ग ने यह भी जानकारी दी कि भरतपुर शहर के बाहरी भाग में सीवरेज लाईन के लिये 150 करोड रूपये स्वीकृत किये गये हैं जिसका कार्य शीघ्र प्रारम्भ होगा।

संगोष्ठी में पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि महाराजा सूरजमल ने सभी धर्म व जाति के लोगों को एकजुट कर विदेशी आक्रांताओं का मुकाबला किया यही उनकी सफल रणनीति थी। उन्होंने बताया कि इतिहासकारों ने महाराजा सूरजमल के साथ जितना न्याय होना था उतना नहीं किया। उन्होेंने कहा कि आज भरतपुर को रोजगार एवं पेयजल व सिंचाई के लिये पानी की आवश्यकता है जिसके लिये कार्य किया जाना चाहिये। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि विकास को तभी अपेक्षित गति मिल पायेगी जब इसमें सभी भागीदारी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढी को भरतपुर के इतिहास की जानकारी देने की आवश्यकता है। जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा कि इतिहास मानव सभ्यता को सिखाता है कि एक किसान देश का बलशाली राजा बन गया। उन्होंने कहा कि इतिहास के प्रति युवाओं की रूचि बढे इसके लिये भी युवाओं में जागृति लानी होगी।

प्रारम्भ में इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन में 80 युद्व लडे लेकिन किसी में भी हार नहीं मानी । उन्होंने कहा कि देश में संभवतया भरतपुर का दुर्ग ऐसा दुर्ग है जिस पर किसी अन्य राजा या आक्रांताओं का ध्वज नहीं फहरा। उन्होंने बताया कि महाराजा सूरजमल ने कमजोर वर्गों को भी समानता का अधिकार दिया और यही कारण रहा कि वे जातियों में आदर प्राप्त करते थे। उन्होंने कहा कि आज हमें संकल्प लेना होगा कि भरतपुर की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में सहयोग करें और लोहागढ दुर्ग में किये गये अतिक्रमणों को हटवायें। अन्त में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा लोहागढ दुर्ग , सुजान गंगा सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिये आवश्यक बजट प्रावधान कराने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

इस अवसर पर सेवर प्रधान प्रतिनिधि सतीश सोगरवाल, सहकारी डेयरी के अध्यक्ष प्रतिनिधि राजाराम भूतौली, कार्यक्रम के संयोजक अनुराग गर्ग, कैट के संतोष, जेसीआई के कुलदीप शर्मा, संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, कलेक्टर आलोक रंजन सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

संवाददाता- आशीष वर्मा