सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी की तरह एससी-एसटी आरक्षण में भी क्रीमी लेयर व्यवस्था लागू करने की सलाह के विरोध में बुधवार को विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया। राजस्थान में बंद का मिलाजुला असर रहा। सबसे ज्यादा असर राजधानी जयपुर में देखने को मिला। यहां अधिकांश बाजार बंद रहे। इसके अलावा शहर में चलने वाली जेसीटीएसएल की बसें भी डिपो पर खड़ी रहीं।
राजस्थान रोडवेज का संचालन भी बंद रहा। यात्रा के लिए बस स्टैंड पहुंचे यात्रियों को निराश होकर लौटना पड़ा। बंद के दौरान कुछ स्थानों पर निजी वाहन सड़कों पर दौड़ते नजर आए। शिक्षण संस्थान पूरी तरह बंद रहे।
बंद के दौरान शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से रैलियां भी निकाली गईं। इस दौरान शहर में पुलिस बल के साथ रैपिड एक्शन फोर्स की भारी तैनाती रही। बंद को सफल बनाने के लिए जयपुर में 25 टीमें बनाई गई थीं। इन टीमों ने अपने-अपने क्षेत्रों में समूहों में रैलियां निकालीं और बाजार बंद कराए। बंद के समर्थन में रामनिवास बाग से बड़ी रैली शुरू हुई, जो चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, एमआई रोड होते हुए रामनिवास बाग पर समाप्त हुई।
जयपुर, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, डीग, जैसलमेर और भरतपुर में स्कूल-कॉलेजों समेत सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया, जिसके चलते स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहे।
कोटा में निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल बंद रखने का ऐलान किया था, जिसके चलते वे भी बंद नजर आए। कोटा विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। भरतपुर में संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक इंटरनेट बंद कर दिया। किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए सभी जिलों में पुलिस तैनात कर दी गई है।