जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान में तमाम दावेदारों को किनारे करते हुए भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है। पहली बार विधायक बनकर भजनलाल सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले भजनलाल शर्मा को भाजपा संगठन में लंबे समय से काम करने का अनुभव है, जिसके मद्देनजर पार्टी ने उनको राज्य की कमान सौंप गई है। भजन लाल शर्मा के बारे में अब रोचक बातें सामने आ रही हैं।
बागी होकर दी थी भाजपा को चुनौती
राजस्थान के नवमनोनीत मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा बीते 34 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने एक बार बीजेपी के बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। साल 2003 में उस वक्त भजन लाल शर्मा की जमानत तक जब्त हो गई थी। इस चुनाव में शर्मा पांचवें स्थान पर रहे।
जब्त हुई थी जमानत
ये बात 2003 के विधानसभा चुनावों की है, जब भजन लाल शर्मा ने राजस्थान सामाजिक न्याय मंच का प्रतिनिधित्व करते हुए बीजेपी के बागी के रूप में भरतपुर के नदबई से विधानसभा चुनाव लड़ा। नदबई सीट पर कुल 95018 मतदताओं के भजनलाल शर्मा को 5969 वोट मिले थे। शर्मा ने चुनावी मैदान में बीजेपी के प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह और कांग्रेस के यशवंत सिंह को चुनौती दी थी, हालांकि उस चुनाव में निर्दलीय कृष्णेंद्र कौर (दीपा) ने 27,299 वोट से जीत दर्ज की थी।
पहली बार जीते और बन गए मुख्यमंत्री
इस बार उन्हें बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सांगानेर सीट से चुनाव लड़ाया गया था। वह 48,081 वोटों से चुनाव जीते। भारतीय जनता पार्टी से पहली बार विधायक बनकर आने वाले भजन लाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया है।
सांगानेर में लगा था बाहरी का आरोप
25 नवंबर के विधानसभा चुनाव में जयपुर जिले के सांगानेर से चुने गए शर्मा बीजेपी की राज्य इकाई में पदाधिकारी रहे हैं। भरतपुर के निवासी होने के कारण चुनाव से पहले सांगानेर में कुछ लोगों ने शर्मा को ‘बाहरी’ करार दिया था। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार वोटों से हराकर भारी अंतर से जीत हासिल की।
पार्टी और आरएसएस के करीबी है भजन लाल शर्मा
बता दें कि भजन लाल शर्मा पार्टी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दोनों के करीबी माना जाता है। शर्मा चार बीजेपी के चार प्रदेश अध्यक्षों अशोक परनामी, मदन लाल सैनी, सतीश पूनिया और सी.पी. जोशी के तहत राज्य महासचिव रहे हैं।