प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देशभर में चलाया जा रहा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान राजस्थान में गंभीरता से लिया जा रहा है। एक महिला होने के नाते पिछली सरकार की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भी इस अभियान को आगे बढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। यह वजह है कि लगातार दूसरे साल ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान में राजस्थान अव्वल रहा है। इसके साथ साथ बाल विवाह जैसी कुरूतियों पर भी लगाम लगी है। प्रदेश को 2017-18 में भी श्रेष्ठ राज्य का पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ था। यही नहीं, प्रदेश को इस योजना में तीन पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं। केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी 24 जनवरी को दिल्ली में राजस्थान को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगी।
राजस्थान को मिलने वाले तीन पुरस्कारों में पहला पुरस्कार श्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में और दूसरा एवं तीसरा पुरस्कार श्रेष्ठ जिलों में श्रेणी में दिया जाएगा। श्रेष्ठ जिलों में देशभर से 25 जिलों का चयन हुआ है जिसमें राज्य के दो जिले झुन्झुनू और हनुमानगढ को पुरस्कृत किया जाएगा। झुंझुनू को पीसीपीएनडीटी के क्रियान्वयन के लिए और हनुमानगढ़ को सामुदायिक भागीदारी निभाने के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा।
बात करें प्रदेश के लिंगानुपात की तो साल 2011 की जनगणना के अनुसार, तब झुंझुनू में प्रति हजार पुरूषों पर 837 महिलाएं थी। राजे ने 2013 में प्रदेश की सत्ता संभाली थी। उसका असर यह है कि 2016 में प्रति हजार पुरूषों पर महिलाओं की संख्या 903 और वर्तमान में 952 है। ओवरआॅल राजस्थान की बात करें तो साल 2014 में यहां लिंगानुपात प्रति हजार पुरूषों पर 929 था जो साल 2016 में बढ़कर 938 और 2017-18 में 950 तक पहुंच गया है जो बहुत बड़ी उपलब्धि है।
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